उत्तर प्रदेश बना डिजिटल पारदर्शिता का प्रतीक, GeM पर रिकॉर्ड खरीद से रचा इतिहास

अजय कुमार,वरिष्ठ पत्रकार
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर साबित किया है कि पारदर्शिता, तकनीकी दक्षता और प्रशासनिक इच्छाशक्ति जब एक साथ आती हैं, तो उसका परिणाम राष्ट्रीय स्तर पर उदाहरण बनता है। सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) पोर्टल पर अभूतपूर्व खरीद कर उत्तर प्रदेश ने न केवल अपने क्रय तंत्र को आधुनिक बनाया है, बल्कि देश के अन्य राज्यों के सामने एक आदर्श मॉडल प्रस्तुत किया है। केंद्र सरकार ने भी इस उपलब्धि की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी है और यूपी मॉडल को पूरे देश में अपनाए जाने लायक बताया है।केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक प्रशंसा-पत्र भेजते हुए स्पष्ट कहा कि उत्तर प्रदेश की यह उपलब्धि डिजिटल इंडिया की संकल्पना को मूर्त रूप देने वाली है। उन्होंने कहा कि जब तकनीकी दृष्टिकोण, नीतिगत प्रतिबद्धता और समावेशिता एक साथ आती है, तो ऐसे ही ऐतिहासिक परिणाम सामने आते हैं।GeM यानी Government e-Marketplace केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया एक पोर्टल है जिसका उद्देश्य सरकारी खरीद को पारदर्शी, प्रतिस्पर्धी और डिजिटल बनाना है। वर्ष 2020-21 से 2024-25 के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने इस पोर्टल के माध्यम से कुल ₹65,227 करोड़ से अधिक की खरीद की है, जो एक कीर्तिमान है। खास बात यह है कि इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता को प्राथमिकता दी गई और सभी क्रय आदेश डिजिटल माध्यम से किए गए।
GeM पर उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन
केंद्रीय मंत्री द्वारा भेजे गए आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 में ₹4,622 करोड़, 2021-22 में ₹11,286 करोड़, 2022-23 में ₹12,242 करोड़, 2023-24 में ₹20,248 करोड़ और 2024-25 में ₹16,828 करोड़ की खरीद यूपी सरकार ने GeM के माध्यम से की। कुल मिलाकर पांच वर्षों में यूपी की कुल खरीद राशि ₹65,227 करोड़ के पार पहुंच गई है, जो किसी भी राज्य सरकार के लिए एक रिकॉर्ड है।इतना ही नहीं, पीयूष गोयल ने यूपी के 26 नवंबर 2024 को जारी उस ऐतिहासिक सरकारी आदेश का भी जिक्र किया, जिसमें राज्य सरकार ने अपने सभी विभागों के लिए GeM के माध्यम से खरीद को अनिवार्य कर दिया था। इस आदेश के माध्यम से यूपी सरकार ने सामान्य वित्तीय नियम (GFR-2017) और GeM की शर्तों के अनुरूप अपने खरीद नियमों को पूरी तरह से एकीकृत कर दिया। यह कदम उत्तर प्रदेश को डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में अग्रणी बनाता है।
पारदर्शिता और जवाबदेही का नया मॉडल
GeM पोर्टल के माध्यम से खरीद प्रक्रिया को न सिर्फ डिजिटल बनाया गया, बल्कि इससे भ्रष्टाचार, बिचौलियों और मनमानेपन पर भी सीधा प्रहार हुआ है। यूपी सरकार के इस कदम से यह साबित हुआ कि जब सरकारें इच्छाशक्ति दिखाती हैं, तो प्रक्रियाएं पारदर्शी और उत्तरदायी बनती हैं। GeM पर क्रय प्रक्रिया न सिर्फ सुलभ है, बल्कि इसमें सभी विक्रेताओं को समान अवसर भी प्राप्त होता है। यही कारण है कि छोटे और मझोले उद्योगों, महिला उद्यमियों और स्टार्टअप्स ने भी इस पोर्टल के माध्यम से सरकारी खरीद में भागीदारी की है।केंद्रीय मंत्री ने अपने पत्र में लिखा कि उत्तर प्रदेश की यह पहल न केवल राज्य को लाभ पहुंचा रही है, बल्कि यह ‘वन नेशन, वन डिजिटल मार्केटप्लेस’ की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना को भी साकार कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अन्य राज्य भी उत्तर प्रदेश के इस मॉडल को अपनाकर अपनी क्रय प्रणाली में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकते हैं।
क्रय के मामले में अग्रणी विभाग
GeM पोर्टल पर सर्वाधिक खरीद करने वाले विभागों में नगर विकास विभाग पहले स्थान पर है, जिसने ₹11,588 करोड़ की खरीद की है। इसके बाद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने ₹9,257 करोड़, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग ने ₹8,241 करोड़, चिकित्सा शिक्षा विभाग ने ₹4,589 करोड़, और गृह विभाग ने ₹4,116 करोड़ की खरीद की है। इसके अलावा ऊर्जा विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग, परिवहन, उच्च शिक्षा और जनसंपर्क विभाग भी इस सूची में शामिल हैं। इससे स्पष्ट है कि राज्य के लगभग सभी प्रमुख विभाग GeM प्रणाली को प्रभावी रूप से अपना चुके हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नेतृत्व
उत्तर प्रदेश में GeM के सफल क्रियान्वयन का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्पष्ट नीति और प्रशासनिक निर्णय क्षमता को जाता है। उन्होंने समय-समय पर अधिकारियों को निर्देशित किया कि सरकारी खरीद पूरी तरह से GeM पोर्टल के माध्यम से की जाए। उन्होंने विभागों को तकनीकी प्रशिक्षण दिलवाया और सुनिश्चित किया कि छोटे व्यापारियों को भी इस पोर्टल पर पंजीकरण का अवसर मिले।मुख्यमंत्री योगी ने अपने शासनकाल में डिजिटल गवर्नेंस को जिस स्तर पर प्राथमिकता दी है, वह किसी भी राज्य के लिए अनुकरणीय है। उन्होंने न सिर्फ GeM को अपनाया, बल्कि इसे संस्थागत ढंग से लागू भी कराया। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश आज सार्वजनिक खरीद के क्षेत्र में एक राष्ट्रीय मॉडल बन चुका है।उत्तर प्रदेश सरकार की GeM पर यह उपलब्धि इस बात की मिसाल है कि जब सरकारें पारदर्शिता, तकनीक और नीतिगत स्पष्टता के साथ काम करती हैं, तो वे न केवल प्रशासन को आधुनिक बना सकती हैं, बल्कि जनता का विश्वास भी अर्जित कर सकती हैं। पीयूष गोयल द्वारा यूपी की इस पहल की खुले शब्दों में प्रशंसा इस बात का प्रमाण है कि राज्य सरकार ने डिजिटल गवर्नेंस में अपनी साख को और मजबूत किया है।अब समय है कि देश के अन्य राज्य भी उत्तर प्रदेश के इस मॉडल से प्रेरणा लें और सरकारी खरीद को पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाएं। GeM न केवल एक डिजिटल मंच है, बल्कि यह ‘न्यायपूर्ण अवसर’, ‘भ्रष्टाचार से मुक्ति’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक ठोस कदम है। और इसमें उत्तर प्रदेश की भूमिका अब पूरे देश के लिए एक प्रेरक कथा बन चुकी है।