आज की घोषणा से नींद उड़ने वाली है पीएम मोदी ने शशि थरूर के साथ मंच पर किया इशारों-इशारों में हमला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित विझिनजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का उद्घाटन किया, जो भारत के समुद्री व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह बंदरगाह, जो करीब 8,867 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) द्वारा बनाया गया है। इस बंदरगाह के उद्घाटन से न केवल केरल की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार और शिपिंग की भूमिका भी महत्वपूर्ण रूप से बदल सकती है।
वझिनजम बंदरगाह की खासियत यह है कि यह भारत का पहला समर्पित गहरे समुद्र वाला ट्रांसशिपमेंट हब है। इस बंदरगाह से भारत को वैश्विक समुद्री मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान मिलेगा और इसके जरिए अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भारत की स्थिति मजबूत होगी। यह बंदरगाह बड़ी विदेशी शिपिंग कंपनियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा, जिससे भारत का व्यापार बढ़ने की उम्मीद है। इसके अलावा, केरल को भी इससे विशेष लाभ होगा, क्योंकि यह राज्य के समुद्री व्यापार को वैश्विक स्तर पर प्रमुख बनाएगा।
इस कार्यक्रम में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, कांग्रेस सांसद शशि थरूर और अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी भी मौजूद थे। पीएम मोदी ने मंच पर मौजूद विपक्ष के नेताओं पर इशारों-इशारों में निशाना साधते हुए कहा, “मैं मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से कहना चाहता हूं कि आप INDIA ब्लॉक के मजबूत स्तंभ हैं। शशि थरूर भी यहां बैठे हैं। आज के कार्यक्रम से कई लोगों की नींद उड़ने वाली है।” यह बयान विपक्ष के INDIA गठबंधन पर एक परोक्ष हमला माना जा रहा है। मोदी का यह बयान चुनावी सियासत और विपक्षी गठबंधन को लेकर उनके दृष्टिकोण को स्पष्ट करता है।
शशि थरूर ने ट्वीट कर जानकारी दी कि वह दिल्ली एयरपोर्ट पर फ्लाइट में देरी के बावजूद समय पर तिरुवनंतपुरम पहुंचे ताकि अपने निर्वाचन क्षेत्र में प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत कर सकें। इस मौके पर उन्होंने कहा, “दिल्ली एयरपोर्ट पर देरी के बावजूद, मैं समय पर तिरुवनंतपुरम पहुंचा और अपने निर्वाचन क्षेत्र में प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया।”वझिनजम बंदरगाह के उद्घाटन के साथ ही भारत ने समुद्री क्षेत्र में अपनी क्षमता को एक नई दिशा दी है। इस परियोजना के माध्यम से भारत को वैश्विक व्यापार और शिपिंग क्षेत्र में एक मजबूत पहचान बनाने का मौका मिलेगा, जो आने वाले वर्षों में आर्थिक विकास के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।