दुनिया में आपके देश की छवि खराब हो रही; क्यों राज्य सरकारों पर भड़का सुप्रीम कोर्ट
अदालत ने सोमवार को केस की सुनवाई करते हुए राज्य सरकारों पर ऐक्शन ना लेने पर हमला बोला। बेंच ने कहा कि इससे आपके देश की पूरी दुनिया में छवि खराब हो रही है। दो महीने आप लोगों को दिए गए, लेकिन कोई काम नहीं किया गया। बेंच ने कहा कि अगस्त में हमारी ओर से आदेश जारी किया गया था।

सड़कों पर घूमते खतरनाक आवारा कुत्तों को पकड़ने और उनकी नसबंदी करने के आदेश का पालन न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है। अदालत ने सोमवार को केस की सुनवाई करते हुए राज्य सरकारों पर ऐक्शन ना लेने पर हमला बोला। बेंच ने कहा कि इससे आपके देश की पूरी दुनिया में छवि खराब हो रही है। दो महीने आप लोगों को दिए गए, लेकिन कोई काम नहीं किया गया। बेंच ने कहा कि अगस्त में हमारी ओर से आदेश जारी किया गया था। इसके बाद भी कोई ऐक्शन नहीं हुआ और अब भी कुत्ते लोगों को पहले की तरह शिकार बना रहे हैं।
बेंच ने उदाहरण देते हुए कहा कि महाराष्ट्र के पुणे में ही एक बच्चे पर कुत्तों ने अटैक कर दिया। उससे पहले महाराष्ट्र के ही भंडारा जिले में 20 कुत्तों ने एक बच्ची पर हमला कर दिया था। इसके अलावा बीते सप्ताह केरल में एक शख्स पर उस समय अटैक हुआ, जब वह आवारा कुत्तों पर ही एक नुक्कड़ नाटक कर रहा था। इसके अलावा यूपी के लखनऊ में भी परिवार के तीन लोगों को कुत्तों ने काट लिया। ऐसी ही एक खबर तेलंगाना के वारंगल की है, जो दिन पहले की ही घटना है। बेंच ने कहा कि इन सबके बाद भी राज्य सरकारों की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है। आपके देश की दुनिया में छवि बिगड़ रही है। आपको दो महीने दिए गए, लेकिन कुछ नहीं किया।
अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जवाब मांगा है। बेंच ने कहा, ‘क्या आप लोग अखबार नहीं पढ़ते हैं? 22 अगस्त को आदेश पारित हुआ था और खूब खबरें लगी थीं। अब सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत तौर पर पेश होना होगा और उन्हें देरी का कारण बताना होगा।’ अदालत ने कहा कि सिर्फ बंगाल और तेलंगाना की सरकार ने जवाब दिए। इसके अलावा दिल्ली एमसीडी की तरफ से जवाब आया है। अब तक किसी और से कोई रिप्लाई नहीं आया। यही नहीं बेंच ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि दिल्ली में एमसीडी ने तो जवाब दिया है, लेकिन राज्य की सरकार से कुछ नहीं आया।
फिलहाल अहम बात यह है कि राजस्थान देश का इकलौता राज्य रहा है, जिसने इस पर ऐक्शन लेना शुरू कर दिया है। राजस्थान में इसके तहत कुत्तों के लिए फीडिंग पॉइंट बनाए गए हैं। इसके अलावा RWA और एनिमल वेलफेयर संस्थानों के साथ मिलकर काम करने की सलाह स्थानीय निकायों को दी गई है।
				
					


