शिवकुमार कब बनेंगे मुख्यमंत्री, सिद्धारमैया ने दिया जवाब कर्नाटक में CM पद पर ब्रेकफास्ट डिप्लोमेसी

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने नाश्ते के दौरान आगामी विधानसभा सत्र की रणनीति पर चर्चा की। चर्चा का मुख्य फोकस किसानों के मुद्दे और बीजेपी/जेडीएस के हमलों का सामना करना रहा। हाईकमान ने सत्र से पहले एकता और अनुशासन बनाए रखने पर जोर दिया।

कर्नाटक में सत्ता घमासान के बीच एक बार फिर से मंगलवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार नाश्ते पर सुबह मिले. इस दौरान पूर्व सांसद DK सुरेश और विधायक रंगनाथ भी मौजूद. नाश्ते के बाद हुई बातचीत पूरी तरह से आगामी सत्र की रणनीति पर केंद्रित रही. मीडिया से बातचीत करते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि अगर बीजेपी सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो और डिप्टी सीएम इसके ख़िलाफ़ आक्रमक जवाब देने में चूकेंगे नहीं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पूरी रणनीति तैयार कर ली है ताकि वह बीजेपी या जेडीएस के हमलों का जवाब दे सके.

सत्र के दौरान किसानों से जुड़े जरूरी मद्दों पर प्रमुखता से विस्तार में चर्चा की जाएगी. मुख्यमंत्री ने बताया कि 8 दिसंबर को कर्नाटक के सांसदों की बैठक बुलाई गई. इस बैठक में उन मामलों को उठाया जाएगा जो कि केंद्र के पास लंबे समय से पेंडिंग है. उन्होंने कहा कि केंद्र जिस तरह से जवाब देने से बचने की कोशिश कर रही है, वह प्रदेश की सरकार के लिए चिंता का विषय है. वहीं, डीके शिवकुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए जानकारी दी कि उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को नाश्ते पर बुलाया था, जिसके बाद दोनों के बीच बातचीत काफी सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई. उन्होंने कहा कि विपक्ष जो भी सत्तारूढ़ सरकार के सामने पेश करेगी उसका सामने करने के लिए तैयार हैं.

कांग्रेस हाईकमान से मुलाक़ात को लेकर मीडिया से पूछे गए सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि वे राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने के लिए तैयार हैं, लेकिन अभी तक कोई औपचारिक बुलावा नहीं आया है. जब सिद्धारमैया से पूछा गया कि शिवकुमार कब मुख्यमंत्री बनेंगे तो उन्होंने कहा, `जवाब हाईकमान चाहे.`हालांकि, पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली में कर्नाटक में सत्ता ढांच में बदलाव पर फ़िलहाल कोई विस्तृत चर्चा नहीं हो रही है. DK शिवकुमार को संसद सत्र के चलते दिल्ली न आने की सलाह दी गई है और हाईकमान ने इस मुद्दे पर कोई संकेत नहीं दिया है. फिलहाल कांग्रेस नेतृत्व का संदेश स्पष्ट है – सत्र से पहले एकता और अनुशासन बनाए रखना.

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