राकेश टिकैत की पगड़ी गिराने वाले आरोपी को पुलिस ने किया हिरासत में, भाकियू की तहरीर पर कार्रवाई

मुजफ्फरनगर में 2 मई को आयोजित जन आक्रोश रैली के दौरान किसान नेता राकेश टिकैत के साथ हुई अभद्रता ने एक बार फिर किसानों के आंदोलन और राजनीति के बीच की कड़ी को एक नया मोड़ दिया है। इस घटना को लेकर भारतीय किसान यूनियन (BKU) में गुस्से की लहर है और इसके विरोध में शनिवार को मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान में एक आपातकालीन पंचायत बुलाई गई। इस पंचायत में विभिन्न जिलों से BKU के पदाधिकारी और कार्यकर्ता जुटे, और किसान नेताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की।रैली के दौरान जब राकेश टिकैत मंच पर पहुंचे, तो कुछ असामाजिक तत्वों ने उनकी उपस्थिति के दौरान नारेबाजी और हूटिंग की। इस दौरान उन्होंने राकेश टिकैत के साथ धक्का-मुक्की की और उनकी पगड़ी गिरा दी। पगड़ी गिरने की घटना से ना केवल राकेश टिकैत बल्कि पूरी किसान बिरादरी की गरिमा पर हमला किया गया। यह दृश्य न केवल राकेश टिकैत के लिए अपमानजनक था, बल्कि पूरे आंदोलन के लिए भी यह एक बड़ा अपमान माना गया।

इस घटना के बाद पुलिस ने स्थिति को काबू में करने के लिए तत्काल कार्रवाई की और राकेश टिकैत को मंच से हटा दिया। घटना के बाद पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में लिया और उसके खिलाफ पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस द्वारा CCTV फुटेज और वीडियो के आधार पर आरोपियों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है।भारतीय किसान यूनियन ने इस घटना को एक राजनीतिक साजिश बताया है। BKU के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने आरोप लगाया कि यह घटना जानबूझकर किसानों के आंदोलन को कमजोर करने के लिए रची गई थी। राकेश टिकैत ने भी इस घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा कि कुछ युवाओं को जानबूझकर रैली में भेजा गया था, जो शराब के नशे में थे और उन्होंने यह हरकत की। उन्होंने इसे किसानों के आंदोलन को अपमानित करने की साजिश बताया।

BKU की ओर से इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है और पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस यह जांच कर रही है कि इस हमले में कौन-कौन लोग शामिल थे और उन्होंने राकेश टिकैत के साथ कैसे दुर्व्यवहार किया।इस घटना के विरोध में भारतीय किसान यूनियन ने शनिवार को मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान में एक विशाल पंचायत आयोजित की। पंचायत में किसानों ने एकजुट होकर इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे किसानों की गरिमा पर हमला माना। पंचायत में यह भी तय किया गया कि अगर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जाती, तो किसान आगामी दिनों में और भी बड़े आंदोलन करेंगे।

राकेश टिकैत ने पंचायत के दौरान यह भी घोषणा की कि वह कश्मीर के पहलगाम हमले के खिलाफ एक बड़ा ट्रैक्टर मार्च आयोजित करेंगे। इसके साथ ही किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखने की बात भी की। पंचायत के दौरान यह मुद्दा भी उठा कि इस घटना के पीछे कोई न कोई राजनीतिक साजिश हो सकती है, जिसे किसानों के आंदोलन को कमजोर करने के उद्देश्य से अंजाम दिया गया।इस घटना पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ भी आनी शुरू हो गई हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे किसानों के आंदोलन और उनके नेता राकेश टिकैत का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि यह केवल एक किसान नेता का अपमान नहीं, बल्कि पूरे किसान समाज का अपमान है। इस घटना ने मुजफ्फरनगर में राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। यह घटना न केवल किसानों के आंदोलन को प्रभावित कर सकती है, बल्कि आने वाले चुनावों में भी इसका असर दिख सकता है।

पुलिस ने इस घटना के बाद जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज और वीडियो की जांच की जा रही है। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया गया है और उससे पूछताछ जारी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे जल्द ही मामले की जांच पूरी कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।किसान नेताओं ने इस घटना के बाद चेतावनी दी है कि यदि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। यह घटना किसानों के आंदोलन के प्रति बढ़ते तनाव को दर्शाती है और यह आने वाले दिनों में और भी गंभीर रूप ले सकती है।किसान संगठन और राजनीतिक दलों के बीच इस मुद्दे को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएँ आने लगी हैं, और यह मामला किसानों के आंदोलन और राजनीति के बीच का एक महत्वपूर्ण बिंदु बन गया है। अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इस मामले को किस दिशा में लेकर जाते हैं और किसानों की नाराजगी को कैसे शांत करते हैं।

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