दो महीने से बिहार नहीं गए राहुल गांधी, चुनाव से ठीक पहले गायब होने पर चर्चे; कांग्रेस में ही सवाल

अब तक उनकी बिहार में कोई मौजूदगी नहीं है, जबकि चुनाव की तारीखें अब बेहद करीब हैं। ऐसे में सवाल है कि राहुल गांधी आखिर बिहार चुनाव की बजाय कहां व्यस्त हैं। उनका बिहार से दूर रहना संयोग है या फिर कोई प्रयोग है, जिसके तहत वह प्रचार में नहीं उतरे हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार जोरों पर है। भाजपा से पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह समेत तमाम दिग्गज नेता और कई राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम फिलहाल प्रचार में जुटे हैं। महागठबंधन से तेजस्वी भी काफी ऐक्टिव हैं, लेकिन अकेले नजर आ रहे हैं। वजह यह है कि कांग्रेस के टॉप नेता राहुल गांधी प्रचार से दूर नजर आए हैं। अब तक उनकी बिहार में कोई मौजूदगी नहीं है, जबकि चुनाव की तारीखें अब बेहद करीब हैं। ऐसे में सवाल है कि राहुल गांधी आखिर बिहार चुनाव की बजाय कहां व्यस्त हैं। उनका बिहार से दूर रहना संयोग है या फिर कोई प्रयोग है, जिसके तहत वह प्रचार में नहीं उतरे हैं।

राहुल गांधी आखिरी बार 1 सितंबर को बिहार आए थे। तब उन्होंने वोट चोरी के आरोप लगाते हुए वोटर अधिकार यात्रा में हिस्सा लिया था। उसके बाद से ही वह सीन से गायब हैं। कांग्रेस राज्य में 61 सीटों पर उतरी है, जबकि 143 पर अकेले आरजेडी लड़ रही है। राहुल गांधी जब आए थे, तब ना ही सीट बंटवारा हुआ था और ना कैंडिडेट्स पर कोई फैसला हुआ था। ऐसे में अब उनका सीन से गायब होना कांग्रेस के लोगों को खल रहा है। वहीं आरजेडी के सूत्रों का कहना है कि इसके पीछे शायद एक रणनीति भी है। कांग्रेस के भी कुछ लोगों ने ऐसी रणनीति की बात दबी जुबान स्वीकार की है।

लाइव मिंट से बातचीत में सीमांचल में कैंपेन में जुटे यूपी के एक कांग्रेस नेता ने ऐसा ही कहा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जब कैंपेन में उतरते हैं तो अकसर मुकाबला राहुल गांधी बनाम नरेंद्र मोदी हो जाता है। ऐसी स्थिति में पीएम मोदी 20 साबित होते हैं क्योंकि उनका कद बड़ा है। ऐसे में बिहार के चुनाव को पार्टी तेजस्वी बनाम नीतीश ही रखना चाहती है। इसीलिए राहुल गांधी फिलहाल कैंपेन से दूर हैं। वह प्रचार में आएंगे, लेकिन बहुत सक्रियता शायद ना ही दिखाएं। उनके अलावा प्रियंका गांधी भी कुछ दिन प्रचार करेंगी, लेकिन मुख्य कमान तेजस्वी के हाथ रहेगी और इसीलिए उन्हें ही चेहरा भी बनाया गया है।

एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही चुनाव प्रचार में उतर चुके हैं। यहां तक कि विपक्षी गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने भी राज्य भर में कई जनसभाएं की हैं। जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर भी बिहार में ज़ोरदार प्रचार कर रहे हैं। पार्टी के भीतर चल रहे संकट के बीच राहुल गांधी की दूरी एक अहम मुद्दा बन गई है, जहां कई नेता टिकट वितरण में विसंगतियों का आरोप लगा रहे हैं।

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