पाकिस्तान पर बदलते रुख का अमेरिका ने फिर दिया संकेत

नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर की शुरूआत के साथ ही यह देखा जा रहा है कि पाकिस्तान को लेकर अमेरिकी प्रशासन का रुख कुछ बदला हुआ है। बुधवार को अब यह काफी स्पष्ट हो गया है कि सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर अमेरिका जिस तरह से पहले भारत के पक्ष में बात करता था वैसा अब नही दिख रहा।इस बारे में पिछले कुछ घंटों में अमेरिकी सरकार ने तीन स्तरों पर ऐसे संकेत दिए हैं जो भारत की चिंताओं को बढ़ाता है। पहला, अमेरिकी सेना के केंद्रीय कमांड (यूएससेंटकाम) प्रमुख माइकल कुरिला ने कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान एक जबरदस्त साझेदार है।

असीम मुनीर को अमेरिका का निमंत्रण
दूसरा, 14 जून को अमेरिकी सैन्य दिवस के पैरेड में पाकिस्तान सेना के प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर को बतौर मेहमान आमंत्रित किया है। तीसरा, व्हाईट हाउस ने इस बात के संकेत दिए हैं कि कश्मीर को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच हस्तक्षेप कर सकते हैं।अमेरिकी सेंटकॉम के प्रमुख जनरल माइकल कुरिला ने अमेरिकी सरकार की कानूनी बॉडी हाउस कमिटी ऑन आर्मड सर्विसेज की एक सुनवाई में कहा कि, ‘हमें भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ रिश्ते बना कर रखने की जरूरत है। हम ऐसा विचार नहीं रख सकते कि अगर भारत के साथ संबंध रखना है तो हम पाकिस्तान के साथ नहीं रख सकते।’

पाकिस्तान को बताया साझेदार
उन्होंने कहा कि ‘पाकिस्तान के साथ हमारा काफी जबरदस्त साझेदारी रही है। पाकिस्तान ने आईएसआईएस-खोरासान के आतंकियों के खिलाफी काफी कार्रवाई की है, दर्जनों आतंकवादियों को मारा है। अमेरिका के साथ सूचनाएं साझा की है और बड़े आतंकियों को पकड़ने में मदद की है।’ इस संबंध में उन्होंने हाल ही में अगस्त, 2021 में 13 अमेरिकी सैनिकों की हत्या करने वाले आतंकवादी मोहम्मद सरीफुल्लाह को अमेरिका प्रत्यर्पित किये जाने के मामले का भी जिक्र किया। इसके लिए राष्ट्रपति ट्रंप पहले ही पाकिस्तान को कई बार धन्यवाद कह चुके हैं। इसके लिए सेंटकॉम चीफ ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख को भी जिक्र करते हुए तारीफ की है कि कैसे उन्होंने सबसे पहले सरीफुल्लाह की गिरफ्तारी की सूचना उनको दी।

चीन का करीबी है पाकिस्तान
अमेरिकी सेंटकाम प्रमुख ने पाकिस्तान सरकार के इस तर्क पर भी मुहर लगाई है कि आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान लंबे समय से लड़ाई लड़ रहा है। अमेरिकी सैन्य कमांड के एक अतिवरिष्ठ अधिकारी के उक्त बयान के कुछ घंटे बाद यह सूचना आई है कि पाक आर्मी चीफ फील्ड मार्शल मुनीर को अमेरिकी सैन्य समारोह में आमंत्रित किया गया है। यह समारोह 14 जून को है। तीन दशक पहले जब पाकिस्तान और अमेरिकी सेना के बीच काफी गहरा संबंध था तब पाक सेना प्रमुख का अमेरिकी दौरा एक सामान्य बात थी लेकिन हाल के वर्षों में अमेरिकी सरकार पाक सेना से दूरी बना कर रखने लगी थी। ऐसे में मुनीर के इस दौरे पर आश्चर्य जताया जा रहा है। इसके पीछे चीन के साथ अमेरिकी रिश्तों के समीकरण को भी अहम माना जा रहा है। कभी अमेरिका का करीबी साझेदार रहा पाकिस्तान आज चीन के करीब है।

रणनीतिक हित देख रहा अमेरिका
अब जबकि चीन व अमेरिका के रिश्ते काफी तल्खी भरा है तो संभवत: अमेरिका रणनीतिक हितों को देखते हुए पाकिस्तान पर डोरे डाल रहा है। भारत ने इन दोनों गतिविधियों पर अभी को आधिकारिक बयान नहीं दिया है।उधर, मंगलवार को व्हाईट हाउस की प्रवक्ता टैमी ब्रुस से यह पूछा गया कि क्या राष्ट्रपति ट्रंप कश्मीर मुद्दे में हस्तक्षेप करेंगे तो उनका जवाब था कि, ‘उनकी योजना पर मैं कुछ नहीं कह सकती लेकिन पूरी दुनिया ट्रंप की आदत जानती है। वह दुनिया में एकमात्र ऐसे हैं जो दो ऐसे लोगों में वार्ता करा सकते हैं जिसे असंभव माना जाता है। अगर वह ऐसा करते हैं तो किसी को अचंभित नहीं होना चाहिए।’

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