पाकिस्तान को आतंकवाद नहीं, गर्मी से हो सकता है बड़ा संकट

पाकिस्तान में इस वक्त एक नए संकट का सामना हो रहा है, जो न तो सैन्य हमला है, न ही आतंकवाद, बल्कि यह संकट आसमान से आ रहा है। पाकिस्तान के कई हिस्सों में इस हफ्ते भीषण गर्मी की लहर ने कहर बरपाया है। दक्षिणी और मध्य पाकिस्तान में तापमान 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, और अगले कुछ दिनों में यह 49 डिग्री को पार कर सकता है। मौसम विभाग ने नवाबशाह जैसे इलाकों में चेतावनी दी है कि तापमान 50 डिग्री तक जा सकता है, जो 2018 में बने रिकॉर्ड को तोड़ सकता है। इस गर्मी के कारण पाकिस्तान की जनता पहले ही परेशान है, और तापमान में और वृद्धि पाकिस्तान के लिए गंभीर संकट का रूप ले सकती है।

गर्मी का यह संकट सिर्फ पाकिस्तान तक ही सीमित नहीं है। इस हफ्ते दुनियाभर के 21 देशों में तापमान 43 डिग्री सेल्सियस (110 फारेनहाइट) से ऊपर रहने का अनुमान है, जिनमें भारत, ईरान, इराक, कुवैत, सऊदी अरब, सूडान, कतर और यूएई जैसे देश शामिल हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह वैश्विक तापमान वृद्धि का संकेत है, जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को उजागर करता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस बार अनुमानित तापमान 2-3 डिग्री ज्यादा हो सकता है, जो जलवायु परिवर्तन के खतरनाक संकेत हैं।

वैश्विक तापमान के आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल 2025 अब तक का दूसरा सबसे गर्म अप्रैल बन सकता है, और साल की पहली तिमाही भी रिकॉर्ड गर्म रही है। इस वृद्धि के पीछे जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन जैसे कारण हैं। हालात यह हैं कि इन अत्यधिक गर्मी की लहरों ने जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस गर्मी की वजह से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, जल संकट, और बिजली की भारी मांग पाकिस्तान जैसे देशों के लिए एक बड़ा संकट बन गया है।

पाकिस्तान के लिए यह गर्मी सिर्फ एक मौसम का संकट नहीं, बल्कि एक बड़ा आर्थिक और सामाजिक चुनौती बन सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को आतंकवाद के खिलाफ फ्री हैंड दे दिया है, लेकिन अब पाकिस्तान को असली खतरा उसके अपने देश में पैदा हो रही इस भीषण गर्मी से है।

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