मायावती ने कांग्रेस की धन्यवाद रैली को बताया ‘राजनीतिक नाटक’, दलित प्रेम को कहा फरेब

बसपा सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने जातीय जनगणना के मुद्दे पर केंद्र सरकार और विपक्षी कांग्रेस दोनों को कठघरे में खड़ा कर दिया है। शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार के जातीय जनगणना कराने के निर्णय का श्रेय लेने के लिए कांग्रेस दिखावटी धन्यवाद रैली कर रही है, लेकिन वह यह भूल गई है कि इसी कांग्रेस ने दशकों तक दलितों और ओबीसी वर्ग के संवैधानिक अधिकारों को दबाने का काम किया है।मायावती ने तीखा हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस का दलितों और पिछड़े वर्गों के प्रति जो अचानक प्रेम उमड़ा है, वह महज एक छलावा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा आरक्षण को निष्क्रिय करने की नीयत से काम किया है और ओबीसी व दलितों को उनके अधिकारों से दूर रखा है। मायावती ने लिखा, “कांग्रेस का यह प्रेम दिखावटी है, और इसका मकसद केवल वोट हासिल करना है।”

उन्होंने भाजपा को भी नहीं बख्शा और लिखा कि आरक्षण और संविधान के जनकल्याणकारी प्रावधानों को कमजोर करने में भाजपा भी कांग्रेस से पीछे नहीं रही है। उन्होंने कहा, “इस मामले में कांग्रेस और भाजपा एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं। दोनों ने हमेशा बहुजन समाज के साथ छल किया है।”बसपा सुप्रीमो ने केंद्र सरकार के जातीय जनगणना कराने के फैसले का स्वागत तो किया, लेकिन इसके पीछे की राजनीतिक मजबूरी को भी उजागर किया। उन्होंने कहा कि जनता की मांग और चुनावी दबाव के कारण ही भाजपा को इस दिशा में कदम उठाना पड़ा।

उन्होंने यह भी याद दिलाया कि डॉ. भीमराव आंबेडकर को भारत रत्न देने से लेकर ओबीसी को आरक्षण देने जैसे मामलों में भी कांग्रेस और भाजपा का रवैया हमेशा द्वेषपूर्ण और जातिवादी रहा है।मायावती ने देश की जनता से अपील की कि वे इन दोनों पार्टियों की वोट बैंक की राजनीति से सावधान रहें और अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए सतर्क रहें। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना बहुजन समाज के अधिकारों और हक के लिए जरूरी है और इसे केवल चुनावी जुमला बनाकर छोड़ना नहीं चाहिए।

Related Articles

Back to top button