भारत के एक्शन का डर बांग्लादेश तक, हिंदुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। गुरुवार रात पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान में ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिनका भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया और हर हमले को नाकाम किया। लेकिन इस सैन्य तनाव की लपटें अब पड़ोसी देश बांग्लादेश तक पहुंचने लगी हैं। हालात ऐसे बन गए हैं कि वहां की सरकार को अपने देश के हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए विशेष अलर्ट जारी करना पड़ा है। डर इस बात का है कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर बांग्लादेशी हिंदुओं पर न पड़े और कोई सांप्रदायिक हिंसा की चिंगारी न भड़क जाए। बांग्लादेश पुलिस मुख्यालय (PHQ) ने बुधवार को एक सख्त निर्देश जारी किया है, जिसमें देश की सभी पुलिस इकाइयों को अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने को कहा गया है।
यह निर्देश पुलिस ऑपरेशंस ब्रांच की ओर से जारी हुआ है, जिस पर एडिशनल डीआईजी शाहजादा मोहम्मद असदुज्जमान ने पुलिस प्रमुख के निर्देश पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें विशेष रूप से कहा गया है कि बॉर्डर इलाकों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए ताकि कोई भी असामाजिक तत्व हिंदुओं के खिलाफ हिंसा या दंगा न भड़का सके। सोशल मीडिया, मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट पर भी कड़ी निगरानी रखने को कहा गया है ताकि कोई अफवाह या भड़काऊ पोस्ट देश में तनाव न फैला सके। पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि सांप्रदायिक तनाव की किसी भी कोशिश को समय रहते पहचानकर उसे रोका जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पहले भी कई बार सांप्रदायिक हिंसा का शिकार हो चुका है। 2021 और 2022 में दुर्गा पूजा के दौरान मंदिरों पर हमले, मूर्तियों की तोड़फोड़ और हिंदू घरों में आगजनी की घटनाएं हुई थीं। इन घटनाओं ने बांग्लादेश की छवि को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रभावित किया था। अब जब भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव ने एक बार फिर नई ऊंचाई छू ली है, तो बांग्लादेश सरकार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। इसलिए इस बार पहले ही सुरक्षा एजेंसियों को सक्रिय कर दिया गया है। मंदिर परिसरों के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है, संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च हो रहे हैं और साइबर टीम सोशल मीडिया पर नजर रखे हुए है। सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना और देश के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा हर हाल में सुनिश्चित करना।