आई लव मोहम्मद’ से ‘आई लव योगी’ तक… योगी राज में कानून का डंका

बरेली में 'आई लव मोहम्मद' पोस्टरों से शुरू हुआ बवाल, पत्थरबाजी-फायरिंग तक पहुंचा। योगी सरकार ने सख्त एक्शन लिया, मौलाना तौकीर रजा जेल भेजे गए। 'आई लव योगी' पोस्टरों से मिला जवाब, यूपी में कानून का डंका।

अजय कुमार, वरिष्ठ पत्रकार

उत्तर प्रदेश की धरती पर आज कानून का डंका बज रहा है, और विकास की गंगा बह रही है। लेकिन कुछ लोग पुरानी आदतों को छोड़ने को तैयार नहीं। बरेली में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद जो बवाल मचा, वो इसकी मिसाल है। ‘आई लव मोहम्मद’ के पोस्टरों को लेकर शुरू हुआ विवाद सड़कों पर हिंसा में बदल गया। पत्थरबाजी, फायरिंग, पुलिस पर हमले सब कुछ हुआ। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया कि ये यूपी अब वो पुराना यूपी नहीं, जहां दंगे होते थे और कर्फ्यू लगता था। अब यहां कानून का राज है, और जो इसे तोड़ेगा, उसे सात पीढ़ियां याद रहेंगी।ये विवाद कानपुर से शुरू हुआ। बारावफात के मौके पर मुस्लिम समुदाय ने ‘आई लव मोहम्मद’ के बैनर लगाए। कुछ लोगों ने इस पर आपत्ति जताई। पुलिस ने एफआईआर दर्ज की, तो मामला भड़क गया। फिर ये आग बरेली पहुंची। इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने विरोध-प्रदर्शन का ऐलान किया। उन्होंने कहा, बिना इजाजत जुलूस निकालेंगे, सड़कें जाम करेंगे। प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी, लेकिन नमाज के बाद भीड़ सड़कों पर उतर आई। खलील तिराहे पर हालात बेकाबू हो गए। ईंट-पत्थर, खोखे, कारतूस, ब्लेड, यहां तक कि तमंचे तक बरामद हुए। पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। 22 पुलिसकर्मी घायल हुए, कुछ को छर्रे भी लगे। बरेली एसएसपी ने बताया कि 200 सीसीटीवी फुटेज हैं, सात एफआईआर दर्ज हुईं, जिनमें धारा 109, 118 जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं। मौलाना तौकीर रजा का नाम इन सभी में है।

शनिवार सुबह पांच बजे मौलाना का मेडिकल हुआ, फिर कोर्ट में पेश कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। सुरक्षा कारणों से उन्हें सीतापुर जेल शिफ्ट किया जा रहा है। पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया, 39 को हिरासत में लिया। डीएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि तीन दिन पहले नदीम नाम के शख्स को धारा 144 की जानकारी दी गई थी। एक दिन पहले मौलाना खुद कार्यालय आए, लेकिन बिना अनुमति कार्यक्रम की चेतावनी दी। शुक्रवार सुबह उनके वीडियो में दावा किया गया कि लेटर फेक है। नमाज के बाद कुछ लोग इस्लामिया इंटर कॉलेज की ओर बढ़े, धक्कामुक्की हुई, तो पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। ये सब सुनियोजित लगता है। मौलाना पहले भी ऐसे बयान दे चुके हैं। 2024 में भी बरेली में ‘जेल भरों’ का ऐलान किया था, लेकिन पुलिस ने रोक लिया। इस बार भी वही फॉर्मूला भड़काओ, जाम करो, हिंसा फैलाओ। लेकिन योगी राज में ये नहीं चलेगा।लखनऊ में ‘विकसित उत्तर प्रदेश विजन @2047’ कार्यक्रम में सीएम योगी ने जो कहा, वो हर यूपीवासी के दिल को छू गया। उन्होंने फरमाया, ‘कल बरेली में एक मौलाना भूल गया कि यूपी की सत्ता में कौन है। दंगाइयों को हमने सबक सिखाया। अब दंगा करने से पहले 100 बार सोचेंगे।’ फिर बोले, ‘हिंसा के बाद ना कर्फ्यू लगेगा, ना सिस्टम रुकेगा। मौलाना को लगा कि वो व्यवस्था रोक सकता है, लेकिन हमने साफ कर दिया ना नाकाबंदी, ना कर्फ्यू।’ ये बातें सिर्फ बयान नहीं, इरादा हैं। योगी जी ने कहा, ‘पर्व आते थे, तो उत्पात शुरू हो जाता था। अब उत्पातियों को उनकी सात पीढ़ियां याद आएंगी। बुरी आदतें नहीं जातीं, तो डेंटिंग-पेंटिंग करवानी पड़ती है। यही डेंटिंग-पेंटिंग बरेली में देखी होगी।’ ये शब्द सुनने में साधारण हैं, लेकिन इनमें कानून का दम है। 2017 से पहले यूपी में दंगे, कर्फ्यू, नाकाबंदी आम थी। सीएम आवास पर दंगाई सम्मानित होते थे। लेकिन योगी राज में ये सब इतिहास। आज यूपी 70 हजार करोड़ के रेवेन्यू सरप्लस वाला राज्य है।

योगी जी ने साफ कहा, ‘जिस भाषा में समझेगा, उसी में समझाएंगे। किसी दंगाई को बख्शा नहीं जाएगा। सिस्टम को ब्लॉक नहीं कर सकते।’ बरेली में इंटरनेट 48 घंटे बंद, फोर्स तैनात, पूरे यूपी में अलर्ट। कानपुर, मऊ, वाराणसी, मुरादाबाद तक सतर्कता। सीएम ने आदेश दिए उपद्रवियों की संपत्ति जब्त करो, वीडियो फुटेज से चिन्हित करो, सोशल मीडिया मॉनिटर करो। दशहरा का समय है, बुराई के दहन का। गरबा-डांडिया में बहुरुपियों की घुसपैठ रोकें, मिशन शक्ति 5.0 लागू करें, बूचड़खानों का निरीक्षण करें। महिला सुरक्षा पहले, अफवाह फैलाने वालों को पकड़ो।विवाद का दूसरा रंग भी सामने आया। लखनऊ में बीजेपी युवा मोर्चा के महासचिव अमित त्रिपाठी ने जवाबी कार्रवाई की। उन्होंने समता मूलक चौराहा, वीआईपी चौराहा, जानकीपुरम पर ‘आई लव श्री योगी आदित्यनाथ जी’ और ‘आई लव बुलडोजर’ के पोस्टर लगवाए। सीएम की फोटो के साथ लिखा ‘2017 से 2025 तक कानून व्यवस्था का ऐतिहासिक संभाल।’ अमित जी ने कहा, ‘हम यूपीवासी सीएम से प्यार करते हैं। अराजकता बर्दाश्त नहीं। प्यार व्यक्तिगत हो, लेकिन सड़क पर तांडव करेंगे, तो कार्रवाई होगी। यूपी में योगी का राज है, जीरो टॉलरेंस।’ ये पोस्टर वायरल हो गए। ‘आई लव’ ट्रेंड में है, तो ‘आई लव योगी’ क्यों नहीं? ये जवाब है, और गहरा संदेश भी।

सवाल ये कि विवाद क्यों भड़का? ‘आई लव मोहम्मद’ का मतलब प्यार है, लेकिन पोस्टरों पर आपत्ति क्यों? कानपुर में बैनर लगे, पुलिस ने हटाने को कहा, तो बवाल। फिर उत्तराखंड, तेलंगाना, गुजरात, मुजफ्फरनगर, बागपत तक तनाव। ये धार्मिक भावनाओं का खेल है, जो राजनीति में बदल जाता है। मौलाना जैसे नेता इसे भुनाते हैं वोट बैंक, साजिश। लेकिन योगी सरकार ने दिखाया कि भावनाओं का सम्मान, पर कानून से ऊपर कुछ नहीं। 2017 से दंगे कम हुए, विकास बढ़ा। यूपी निवेश का हब है, पर्यटन चमक रहा है। अराजकता का कोई स्थान नहीं।ये घटना यूपी की बदलती तस्वीर का आईना है। पुरानी सरकारों में दंगे वोट का हथियार थे। सीएम हाउस में दंगाई सम्मानित होते, कर्फ्यू लगता, अर्थव्यवस्था ठप। लेकिन योगी जी ने जीरो टॉलरेंस अपनाया। बुलडोजर की मिसालें हैं अवैध निर्माण हटाओ, कानून तोड़ो तो सबक। बरेली में तुरंत एक्शन, कोई बचा नहीं। आने वाली पीढ़ियां सीखेंगी कि शांति ही विकास है। दशहरा आ रहा है, दुर्गा पूजा में सुरक्षा पुख्ता, रावण दहन में ऊंची प्रतिमाएं न हों, विसर्जन के रास्ते बनें। जातीय संघर्ष भड़काने वालों पर लगाम।समाज को एकजुट होने का वक्त है। हिंदू-मुस्लिम मिलकर विकास करें। ‘आई लव मोहम्मद’ हो या ‘आई लव योगी’ प्यार व्यक्तिगत हो, सड़क पर हिंसा नहीं। योगी सरकार ने साबित किया कि कानून सबके लिए बराबर। बरेली शांत हुआ, लेकिन सबक सबके लिए। यूपी 2047 तक विकसित बनेगा, अगर हम साथ चलें। अराजकता करने वालों, सोच लो डेंटिंग-पेंटिंग का समय है। जय हिंद, जय उत्तर प्रदेश

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