भारत की युवा आबादी ताकत या बोझ? कहीं चीन-जापान जैसी गलती तो नहीं दोहरा रहा देश?

भारत पीएम नरेंद्र मोदी के ‘2047 में विकसित भारत’ के संकल्प पर आगे बढ़ रहा है और देश की तरक्की में युवा वर्ग अपना बेहतरीन योगदान दे रहे हैं. लेकिन अब ऐसी रिपोर्ट सामने आई है जिसमें यही युवा वर्ग देश का टेंशन बना रहे हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर यही चलता रहा तो भारत की भी स्थिति चीन और जापान जैसी न हो जाए. बात देश में तेजी से घटते प्रजनन दर की हो रही है.संयुक्त राष्ट्र की नई जनसांख्यिकी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि अप्रैल तक भारत की आबादी 146.39 करोड़ तक पहुंच जाने का अनुमान है, साथ ही यह भी कहा गया कि देश की कुल प्रजनन दर (Total Fertility Rate, TFR) घटकर 2.0 से भी नीचे आ गई है और यह 1.9 तक आ गई है. जबकि भारत में प्रतिस्थापन स्तर 2.1 से कहीं नीचे है.

चीन और जापान में भी गिर रही प्रजनन दर
“स्टेट ऑफ द वर्ल्ड पॉपुलेशन 2025: द रियल फर्टिलिटी क्राइसिस” नाम से प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 40 सालों में आबादी में गिरावट की दर शुरू होने से पहले यह बढ़कर 170 करोड़ हो जाएगी. रिपोर्ट में भारत को “दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश” बताया गया है. जबकि चीन की वर्तमान आबादी 141.61 करोड़ बताई गई है.कुल प्रजनन दर में गिरावट का असर यह होगा कि देश की आबादी में गिरावट तो आएगी ही, साथ में युवाओं की संख्या भी कम होती जाएगी. कभी दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश चीन ने अपने यहां सख्त एक बच्चा नीति का पालन किया और इस वजह से वहां पर प्रजनन दर काफी गिर गई. अभी वहां पर यह दर 1.18 है. चीन सरकार इसे बढ़ाने को लेकर काफी कोशिश कर रही है. इसी तरह 2024 में जापान की प्रजनन दर 1.15 तक आ गई है. इन्हीं 2 देशों में ही नहीं बल्कि कई अन्य देश भी प्रजनन दर की गिरावट को लेकर चिंतित हैं. अब भारत में भी गिरते प्रजनन दर को लेकर चिंता जताई जा रही है.

भारत के अनुमानों के करीब आबादी
साल 2025 के लिए संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की रिपोर्ट (United Nations Population Fund Report) में जनसांख्यिकी संकेतक विशेषज्ञों के एक तकनीकी समूह द्वारा 2019 में प्रकाशित भारत की आबादी के उसके अनुमान के करीब हैं. इन अनुमानों के अनुसार, 2025 तक भारत की आबादी 141.10 करोड़ होने का अनुमान रखा गया था.हालांकि भारत में हर 10 साल पर होने वाली जनगणना (2021) में इस बार देरी हो गई है. सरकार ने कुछ दिन पहले यह ऐलान किया है कि जनगणना मार्च 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा. देश में पिछली जनगणना 2011 में कराई गई थी.

क्या होता है TFR
भारत के महापंजीयक कार्यालय (Registrar General of India) की ओर से 2021 में प्रकाशित लेटेस्ट सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम स्टैटिकल रिपोर्ट के अनुसार, भारत में TFR यानी कुल प्रजनन दर 2.0 था, पिछले साल भी यही दर था. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि रिपलेस्मेंट लेवल TFR अब राष्ट्रीय स्तर पर आ गया है.”कुल प्रजनन दर (TFR) एक महिला द्वारा उनकी प्रजनन आयु के दौरान अपेक्षित बच्चों की संख्या को मापता है. रिपलेस्मेंट लेवल हर अगली पीढ़ी के लिए पिछली पीढ़ी की आबादी को बदलने के लिए जरूरी दर है.

देश में युवाओं की कुल कितनी आबादी
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट कहती है कि बड़ी संख्या में लोग अपने वास्तविक प्रजनन लक्ष्य (real fertility goal) को हासिल करने में सक्षम नहीं हैं. रिपोर्ट में इसे वास्तविक संकट करार दिया गया है, न कि अधिक जनसंख्या या कम जनसंख्या. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अब प्रजनन क्षमता को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.किसी भी देश की आबादी में युवा वर्ग बेहद अहम होते हैं. भारत के युवाओं की आबादी में करीब 24% आबादी 0-14 आयु वर्ग के हैं, 17% आबादी 10-19 आयु वर्ग के हैं, तो 26% 10-24 आयु वर्ग के हैं. इसके अलावा, रिपोर्ट ने अनुमान लगाया है कि देश में 68% आबादी कामकाजी उम्र (15-64 वर्ष) की है.देश में फिलहाल बुजुर्ग आबादी (65 और उससे अधिक) 7 फीसदी है, लेकिन यह आंकड़ा आने वाले कुछ दशकों में बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि जीवन शैली में सुधार होता है, यह भारत में सरकार के अनुमानों की पुष्टि करता है. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2025 तक, पुरुषों की जीवन प्रत्याशा 71 साल तो महिलाओं की 74 साल होने का अनुमान है.

Related Articles

Back to top button