अवध ओझा की बड़ी भविष्यवाणी 2027 में अखिलेश यादव फिर से बनेगें मुख्यमंत्री!

अजय कुमार,वरिष्ठ पत्रकार

उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचाने वाला एक नया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें आम आदमी पार्टी के नेता और लोकप्रिय शिक्षक अवध ओझा एक बड़ा दावा करते नजर आ रहे हैं। दावा न सिर्फ बड़ा है, बल्कि बेहद सटीक और आत्मविश्वास से भरा हुआ है। बागपत जिले के फुल्हार गांव में आयोजित एक जनसभा में अवध ओझा कहते हैं कि 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी और अखिलेश यादव एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनका कहना है कि इस बार सपा को लगभग 210 सीटें मिलेंगी। यह बयान उस समय आया है जब प्रदेश की राजनीति में हर पार्टी आगामी चुनाव को लेकर रणनीति तैयार करने में जुटी है। भाजपा, सपा, कांग्रेस, बसपा और आम आदमी पार्टी समेत तमाम क्षेत्रीय दल अपने-अपने समीकरण बिठाने में लगे हैं।

कुछ ही दिन पहले आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह के साथ अवध ओझा लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते नजर आए थे, जहां दोनों नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर तीखा हमला बोला था। इसी सिलसिले में वह प्रदेश के विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं और जनता से सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं। इस दौरे के दौरान ही बागपत के फुल्हार गांव में अवध ओझा ने जनता को संबोधित करते हुए इस भविष्यवाणी सरीखे दावे को रखा, जो अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।

अवध ओझा का यह बयान किसी आम व्यक्ति का मत नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संकेत है, जिसे सोशल मीडिया पर हजारों लोग शेयर कर रहे हैं। ट्विटर पर एक्स यूजर शिवम यादव ने यह वीडियो पोस्ट किया और इसके बाद इस पर प्रतिक्रियाओं की झड़ी लग गई। किसी ने इसे गंभीरता से लिया तो किसी ने मज़ाक बना डाला। राहुल सिंह नाम के एक यूजर ने लिखा, “ये बकलोलवा दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को भी सीएम बना रहा था, वैसे अखिलेश यादव भी बनेंगे।” इसके साथ उसने हंसने वाला इमोजी भी जोड़ा, जिससे यह साफ हो गया कि वह अवध ओझा के दावे को मजाक समझ रहा है। वहीं शैज निसार नाम के यूजर ने एक शेर के माध्यम से अवध ओझा का समर्थन किया और लिखा, “उसूलों पे जहां आंच आए टकराना जरूरी है। जो ज़िंदा हो तो फिर ज़िंदा नज़र आना जरूरी है। यदि गलत हुआ है, हो रहा है या होने वाला है, तो उसके खिलाफ आवाज़ बुलंद करना ही आपको एक सच्चा मनुष्य बनाता है।” इस तरह की प्रतिक्रिया इस बात की ओर इशारा करती है कि प्रदेश की जनता के एक तबके में सत्ता के प्रति असंतोष का भाव बना हुआ है और लोग बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं।

इस वायरल वीडियो के बाद अब राजनीतिक विश्लेषक भी अपनी-अपनी राय दे रहे हैं। कुछ का मानना है कि यह बयान आम आदमी पार्टी और सपा के बीच किसी संभावित गठबंधन की ओर इशारा कर सकता है, जो आने वाले दिनों में भाजपा के लिए चुनौती खड़ी कर सकता है। हालांकि अभी तक अखिलेश यादव या सपा की ओर से इस वीडियो पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सपा समर्थक सोशल मीडिया पर अवध ओझा के दावे को प्रचारित कर रहे हैं। वहीं, भाजपा समर्थकों ने इस वीडियो का मजाक उड़ाते हुए इसे “अवध ओझा की कल्पना” बताया है। कुछ यूजर्स ने तो यहां तक कह दिया कि “जिसे खुद गांव में लोग नहीं पहचानते, वह अखिलेश को मुख्यमंत्री बना रहा है।”

वर्तमान में उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार है, और 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 255 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की थी। सपा को उस चुनाव में 111 सीटें मिली थीं। ऐसे में अवध ओझा का 2027 के लिए 210 सीटों का दावा बेहद महत्वाकांक्षी और आश्चर्यजनक लगता है। लेकिन यह भी एक सच्चाई है कि यूपी की राजनीति में जातिगत समीकरण और सामाजिक मुद्दे अक्सर नतीजों को अप्रत्याशित बना देते हैं। 2012 में जब सपा को पूर्ण बहुमत मिला था, तब भी राजनीतिक विश्लेषक दंग रह गए थे। इसी तरह 2017 में भाजपा की प्रचंड जीत ने सबको चौंका दिया था। ऐसे में अवध ओझा का दावा पूरी तरह खारिज भी नहीं किया जा सकता।

राजनीतिक दृष्टि से अगर देखें, तो अवध ओझा का यह बयान आम आदमी पार्टी की रणनीति का भी हिस्सा हो सकता है। यूपी में अभी तक आम आदमी पार्टी को कोई बड़ा जनाधार नहीं मिला है, लेकिन पार्टी नेतृत्व लगातार प्रदेश में सक्रियता बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। संजय सिंह जैसे नेताओं की नियमित भागीदारी और प्रेस कॉन्फ्रेंस, जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं की नियुक्ति और अब अवध ओझा जैसे चेहरे का आगे आना यह सब इस बात का संकेत है कि पार्टी 2027 के चुनाव में खुद को एक विकल्प के रूप में पेश करना चाहती है। हालांकि अभी तक पार्टी के पास कोई ठोस संगठनात्मक ढांचा नहीं है, लेकिन दिल्ली और पंजाब में सरकार चलाने वाली पार्टी यह दावा जरूर कर सकती है कि वह जनता को भ्रष्टाचार मुक्त और विकासोन्मुख शासन देने में सक्षम है।

जहां तक समाजवादी पार्टी की बात है, तो उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती भाजपा के मजबूत संगठन और हिंदुत्व की राजनीति से मुकाबला करने की है। 2022 में बेहतर प्रदर्शन के बावजूद अखिलेश यादव सरकार बनाने से चूक गए थे। लेकिन अब अगर उन्हें आम आदमी पार्टी या अन्य क्षेत्रीय दलों का समर्थन मिलता है, तो वह भाजपा को कड़ी टक्कर देने की स्थिति में आ सकते हैं। हालांकि इसके लिए सपा को अपने संगठन को और मजबूत करना होगा, खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड जैसे क्षेत्रों में जहां पार्टी की पकड़ कमजोर है। अगर सपा 210 सीटों का सपना देख रही है, जैसा कि अवध ओझा दावा कर रहे हैं, तो उसे गैर-यादव ओबीसी और सवर्ण वर्गों में भी अपनी पैठ बनानी होगी।

बहरहाल, अवध ओझा का यह बयान एक राजनीतिक प्रचार का हिस्सा हो सकता है या फिर वाकई उनकी गहरी समझ और जमीन से जुड़े आंकड़ों पर आधारित हो सकता है। फिलहाल तो इस बयान ने यूपी की राजनीति में एक नई चर्चा को जन्म दे दिया है। अगले दो वर्षों में क्या होगा, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन इतना तय है कि अब चुनावी जमीन पर विचारों की लड़ाई और तेज होगी। हर पार्टी अपने-अपने तरीकों से जनता को रिझाने की कोशिश करेगी और इस बीच इस तरह के बयान लोगों को उत्सुक बनाए रखेंगे।

इस पूरे घटनाक्रम से एक बात स्पष्ट हो गई है कि अब सोशल मीडिया सिर्फ प्रचार का माध्यम नहीं रहा, बल्कि यह नेताओं के लिए जनता से संवाद और प्रतिक्रिया पाने का सशक्त मंच बन गया है। अवध ओझा का यह वीडियो इसी बात का उदाहरण है कि एक गांव से उठी आवाज भी प्रदेश की राजनीति को प्रभावित कर सकती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वाकई 2027 में अखिलेश यादव फिर मुख्यमंत्री बनेंगे या यह दावा सिर्फ एक राजनीतिक बयान बनकर रह जाएगा।

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