इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायिक ताकत बढ़ी 24 नए जज आज लेंगे शपथ
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की अध्यक्षता वाले कोलेजियम की तरफ से केंद्र सरकार को भेजे गए 26 नामों में 12 वकील और 14 ज्यूडिशियल अफसरों के नाम शामिल थे। केंद्र सरकार ने उनमें से 10 अधिवक्ताओं और 14 न्यायिक अधिकारियों की हाईकोर्ट जज के पद पर नियुक्ति की है।

Allahabad High Court New Judges Appointment: केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में 24 नए जजों की नियुक्ति कर दी है। शुक्रवार को केंद्रीय कानून मंत्रालय ने इन सभी की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी। इन नए जजों की नियुक्ति के बाद 160 न्यायाधीशों वाले हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश को अलावा जजों की कुल संख्या 109 हो गई है। हालांकि इनमें तीन स्थानांतरण के अधीन हैं और एक को फिलहाल न्यायिक कार्य से परे रखा गया है। नवनियुक्त 24 जजों का शपथ ग्रहण समारोह दिन में एक बजे बहुमंजिला पार्किंग भवन की 12वीं मंजिल स्थित लाइब्रेरी हॉल में होगा।सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्त के लिए 26 नामों की सिफारिश की थी। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की अध्यक्षता वाले कोलेजियम की ओर से केंद्र सरकार को भेजे गए 26 नामों में 12 वकील और 14 ज्यूडिशियल अफसरों के नाम शामिल थे। केंद्र सरकार ने उनमें से 10 अधिवक्ताओं और 14 न्यायिक अधिकारियों की हाईकोर्ट जज के पद पर नियुक्ति की है।
जज बनने वाले वकीलों में हाईकोर्ट के अलावा सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने वाले भी हैं। जिन अधिवक्ताओं की बतौर जज नियुक्ति की गई है उनमें विवेक सरन, विवेक कुमार सिंह, गरिमा प्रसाद, सुधांशु चौहान, अबधेश कुमार चौधरी, स्वरूपमा चतुर्वेदी, सिद्धार्थ नंदन, मुख्य स्थायी अधिवक्ता कुणाल रवि सिंह, इंद्रजीत शुक्ल व सत्यवीर सिंह शामिल हैं। इसी प्रकार जिला जज स्तर के जिन 14 एचजेएस न्यायिक अधिकारियों को जज बनाया गया है उनमें डॉ अजय कुमार द्वितीय, चवन प्रकाश, दिवेश चंद्र सामंत, प्रशांत मिश्र प्रथम, तरुण सक्सेना, रजिस्ट्रार जनरल राजीव भारती, पदम नारायण मिश्र, लक्ष्मीकांत शुक्ल, जय प्रकाश तिवारी, देवेंद्र सिंह प्रथम, संजीव कुमार, वाणी रंजन अग्रवाल, अचल सचदेव एवं बबीता रानी शामिल हैं।
जजों, वकीलों के इलाज को कैंटोनमेंट बोर्ड आया आगे
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जजों, वकीलों व कर्मचारियों सहित उनके आश्रितों को जल्द ही बेहतर चिकित्सकीय सलाह और इलाज की सुविधा मिलने लगेगी। इस संदर्भ में रक्षा मंत्रालय की ओर से संचालित कैंटोनमेंट बोर्ड चिकित्सालय प्रशासन ने यूथ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत मिश्र का प्रस्ताव स्वीकार करते हुए देश के बेहतरीन विशेषज्ञों द्वारा नि:शुल्क चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराने की सहमति दी है। कैंटोंनमेंट बोर्ड चिकित्सालय के निदेशक सिद्धार्थ पांडेय ने इसके लिए हाईकोर्ट बार अध्यक्ष राकेश पांडे को पत्र लिखकर जगह की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि हाईकोर्ट बार उन्हें परिसर में जगह उपलब्ध कराता है तो एकल खिड़की पंजीकरण काउंटर स्थापित कर ओपीडी सुविधा मुहैया कराई जाएगी। हाईकोर्ट की ओर से सहयोग मिलता रहा तो यह व्यवस्था निर्बाध जारी रहेगी। कैशलेश उपचार भी होगा। इसके अलावा 70 वर्ष से अधिक आयु वालों को आयुष्मान योजना का लाभ भी दिया जाएगा।
				
					


