इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 90 वकीलों को ‘सीनियर एडवोकेट’ का दर्जा दिया, जिनमें 5 महिलाएं भी शामिल हैं

मई 2024 तक इलाहाबाद पीठ में 108 सीनियर एडवोकेट थे, जबकि लखनऊ पीठ में 32 सीनियर एडवोकेट दर्ज थे। इस नई सूची के साथ अब संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को 90 अधिवक्ताओं को सीनियर एडवोकेट के रूप में नॉमिनेट किया है। इनमें 5 महिला वकील भी शामिल हैं। यह नियुक्ति हाईकोर्ट की पूर्णपीठ की अनुशंसा के आधार पर की गई है। इन वकीलों में वे अधिवक्ता शामिल हैं जो इलाहाबाद और लखनऊ दोनों पीठों में नियमित रूप से प्रैक्टिस करते हैं। कुछ अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट और सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT), लखनऊ में भी वकालत करते हैं।मई 2024 तक इलाहाबाद पीठ में 108 सीनियर एडवोकेट थे, जबकि लखनऊ पीठ में 32 सीनियर एडवोकेट दर्ज थे। इस नई सूची के साथ अब संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

इन अधिवक्ताओं को मिला सीनियर एडवोकेट का दर्जा
नई सूची में शामिल प्रमुख नामों में अजय कुमार सिंह, अखिलेश कुमार श्रीवास्तव, अलका वर्मा, अमित कृष्ण, अपूर्व मिश्र, अर्चना सिंह, अरुण सिन्हा, अशोक भटनागर, बी.एन. मिश्रा, बुशरा मरियम, चंद्र प्रकाश उपाध्याय, देश रतन चौधरी, ध्रुव माथुर, गौरव कक्कड़, हनुमान प्रसाद दूबे, इमरान उल्लाह, निखिल अग्रवाल, राहुल अग्रवाल, सलील कुमार श्रीवास्तव, शरद पाठक, सुधीर दीक्षित, सुषिल कुमार शुक्ला, स्वप्निल कुमार, सय्यद अली मुर्तुज़ा नक़वी, उमेश वत्स, वैभव कालिया, विनोद कुमार शाही शामिल हैं।। महिला अधिवक्ताओं में अलका वर्मा, अनीता त्रिपाठी, अर्चना सिंह, आर्ति राजे और बुशरा मरियम को यह सम्मान मिला है।

क्या है ‘सीनियर एडवोकेट’ की उपाधि
‘सीनियर एडवोकेट’ की उपाधि न्यायपालिका में कानूनी विशेषज्ञता, उच्च नैतिक मानकों और न्यायिक योगदान के आधार पर दी जाती है। यह उपाधि वकील की प्रतिष्ठा और अनुभव का सर्वोच्च सम्मान मानी जाती है। सीनियर एडवोकेट बनने के बाद वकील को कुछ विशेषाधिकार मिलते हैं। जैसे कि अदालत में विशेष पोशाक पहनने का अधिकार, सीधे न्यायालय को संबोधित करने का अवसर और जूनियर एडवोकेट की सहायता से मामलों की पैरवी करने की अनुमति।

हाईकोर्ट की पूर्णपीठ ने दी मंजूरी
सूत्रों के अनुसार, इन नामों पर विचार इलाहाबाद हाईकोर्ट की पूर्णपीठ की बैठक में किया गया। चयन प्रक्रिया में अधिवक्ताओं की कानूनी योग्यता, अनुभव, कोर्ट में प्रस्तुति और जनसेवा योगदान का मूल्यांकन किया गया।

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