‘घर पर और यात्रा करते समय भी मराठी बोलिए, नहीं तो…’, डिप्टी सीएम अजित पवार ने क्या कहा

अजित पवार ने मराठी में बोलने, पढ़ने और लिखने में महारत हासिल करने की सलाह दी, जिससे हिंदी बोलने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग फैशन के चलते हिंदी का उपयोग करते हैं, लेकिन मराठी में गर्व महसूस करना चाहिए।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने लोगों से घर पर और राज्य में कहीं भी यात्रा करते समय मराठी बोलने की अपील की है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से इस भाषा को विलुप्त होने से बचाया जा सकता है। पवार ने पद्मश्री कृष्णराव साबले के स्मारक की आधारशिला रखने के अवसर पर यह बात कही। उन्होंने मराठी भाषा के सांस्कृतिक महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। उन्होंने माना कि बच्चे अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ रहे हैं, लेकिन घर पर मराठी बोलने की आदत डालने की जरूरत है।

अजित पवार ने चेतावनी दी कि अगर मराठी का इस्तेमाल नियमित रूप से नहीं किया गया, तो 10-20 पीढ़ियों के बाद लोग पूछ सकते हैं कि क्या मराठी नाम की कोई भाषा थी। उन्होंने मराठी में बोलने, पढ़ने और लिखने में महारत हासिल करने की सलाह दी, जिससे हिंदी बोलने में भी मदद मिलेगी। डिप्टी सीएम ने कहा कि कुछ लोग फैशन के चलते हिंदी का उपयोग करते हैं, लेकिन मराठी में गर्व महसूस करना चाहिए और इसे हर जगह बढ़ावा देना चाहिए।

छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर क्या बोले
उपमुख्यमंत्री पवार ने सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने सभी जातियों और समुदायों को एकजुट कर हिंदवी स्वराज स्थापित किया था। उन्होंने महाराष्ट्र और भारत में सामाजिक सद्भाव की जरूरत पर जोर दिया। इसके साथ ही, उन्होंने राज्य के पहले मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण के नेतृत्व का जिक्र किया और अपने सहयोगियों से उनकी दी गई सीख से दूर न जाने की अपील की।

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