टेकऑफ के दो मिनट बाद हादसा अहमदाबाद से लंदन जा रहा एअर इंडिया का विमान क्रैश, 242 लोग थे सवार

12 जून 2025 को दोपहर करीब 1:38 बजे गुजरात के अहमदाबाद में एक दर्दनाक और अभूतपूर्व विमान हादसा हुआ, जिसने न केवल भारतीय नागरिक उड्डयन क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया, बल्कि पूरे देश को स्तब्ध कर दिया। अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरने वाली एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 टेकऑफ के महज दो मिनट बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह हादसा अहमदाबाद के मेघानीनगर इलाके में हुआ, जहां विमान एक घनी आबादी वाले रिहायशी इलाके के पास जा गिरा। हादसे के बाद आसमान में उठते काले धुएं के गुबार ने पूरे इलाके को डर और अफरातफरी से भर दिया।

विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर शामिल थे। यात्रियों में 169 भारतीय नागरिकों के अलावा 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे। एयर इंडिया द्वारा पुष्टि की गई है कि इस विमान में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता विजय रूपाणी भी सवार थे, जो निजी यात्रा पर लंदन जा रहे थे। यह जानकारी सामने आने के बाद हादसे की गंभीरता और बढ़ गई है, क्योंकि अब यह घटना केवल एक तकनीकी विफलता नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय चिंता का विषय बन चुकी है।

हादसे के चश्मदीदों ने बताया कि टेकऑफ के कुछ ही पल बाद विमान ने अजीब ढंग से नीचे की ओर झुकाव लिया और फिर मेघानीनगर के समीप ज़मीन से टकरा गया। जोरदार धमाके की आवाज ने पूरे इलाके को हिला दिया। कई इमारतों की खिड़कियां चटक गईं और स्थानीय लोगों में अफरा-तफरी मच गई। धमाके के बाद विमान में आग लग गई, जिससे घना काला धुआं दूर-दूर तक दिखाई देने लगा। मौके पर तुरंत दमकल की सात गाड़ियां पहुंचीं और आग पर काबू पाने की कोशिशें शुरू की गईं। साथ ही, NDRF, BSF, CISF और CRPF की टीमें भी तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गईं।

सोशल मीडिया पर इस हादसे के वीडियो तेजी से वायरल हुए, जिनमें देखा जा सकता है कि किस तरह प्लेन दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद मलबे से आग और धुआं निकल रहा था। घटना के बाद एअर इंडिया ने अपने आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर बयान जारी कर पुष्टि की कि फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही थी, दुर्घटना का शिकार हो गई है। कंपनी ने यह भी कहा कि वे स्थिति की गंभीरता को समझते हुए सभी प्रभावित यात्रियों और उनके परिवारों को आवश्यक सहायता उपलब्ध करा रहे हैं।

फ्लाइट ने रनवे 23 से उड़ान भरी थी और टेकऑफ के ठीक बाद पायलट ने ‘मेडे’ कॉल देकर इमरजेंसी घोषित की थी। हालांकि कुछ ही सेकंड के भीतर एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क टूट गया। विमान की ऊंचाई रिकॉर्ड के अनुसार महज 625 फीट तक पहुंची थी, इसके बाद वह तेजी से नीचे गिरा और आवासीय इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटना के समय अहमदाबाद में मौसम सामान्य था और कोई विशेष पर्यावरणीय रुकावट नहीं थी, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि हादसे की वजह तकनीकी खराबी हो सकती है।

एअर इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि यह विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था, जो करीब 11 साल पुराना था। यह विमान पिछले वर्षों में भी नियमित रूप से इंटरनेशनल रूट पर उड़ा करता था और इसके मेंटेनेंस में कोई गंभीर गड़बड़ी दर्ज नहीं की गई थी। लेकिन अब हादसे के बाद इसकी तकनीकी जांच की जा रही है और एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने अपनी टीम के साथ अहमदाबाद पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।

घटना के तुरंत बाद केंद्र सरकार हरकत में आई। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तुरंत अहमदाबाद के लिए रवाना हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस दुर्घटना पर दुख प्रकट किया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि पीड़ितों को हरसंभव सहायता और राहत पहुंचाई जाए। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी तुरंत आपात बैठक बुलाकर हालात की समीक्षा की और पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा की।

वहीं एअर इंडिया के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कहा, “यह हमारे लिए एक अपार दुख की घड़ी है। हमारी पूरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को इस हादसे में खोया है या जिनका जीवन अभी संकट में है। हम हर प्रभावित व्यक्ति और परिवार की सहायता के लिए समर्पित हैं और क्रैश साइट पर इमरजेंसी टीमों को हर जरूरी संसाधन उपलब्ध करवा रहे हैं।” एअर इंडिया ने हेल्पलाइन नंबर 1800 5691 444 भी जारी किया है, ताकि प्रभावित यात्रियों के परिजन स्थिति की जानकारी ले सकें।

डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) और डायरेक्टोरेट ऑफ एयर वर्दीनेस (DAW) की टीमें पहले से ही अहमदाबाद पहुंच चुकी थीं, जो अब इस हादसे के तकनीकी पहलुओं की जांच कर रही हैं। फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर (FOI) और अन्य विमानन विशेषज्ञ विमान के ब्लैक बॉक्स और अन्य रिकॉर्डेड डाटा की समीक्षा कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि आखिर टेकऑफ के तुरंत बाद ऐसा क्या हुआ जिसने इतने आधुनिक और सुरक्षित माने जाने वाले विमान को गिरने पर मजबूर कर दिया।

इस दुर्घटना ने एक बार फिर भारतीय एविएशन क्षेत्र की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर को तकनीकी रूप से उन्नत और बेहद सुरक्षित विमान माना जाता है, लेकिन यह हादसा इस बात का संकेत है कि कितनी भी उन्नत तकनीक हो, किसी भी चूक या अनदेखी का परिणाम कितना विनाशकारी हो सकता है। इससे पहले भारत में इस श्रेणी का कोई विमान हादसे का शिकार नहीं हुआ था, जिससे यह घटना बोइंग 787 के लिए भारत में पहली ‘हुल-लॉस’ घटना बन गई है।

सरकार ने संकेत दिए हैं कि जांच पूरी होने के बाद यदि किसी स्तर पर लापरवाही या दोष पाया गया, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, एअर इंडिया और अन्य एयरलाइनों के विमानों की व्यापक सुरक्षा ऑडिट कराने की तैयारी भी की जा रही है। उधर बोइंग कंपनी ने भी घटना पर शोक जताया है और अपने विशेषज्ञों को भारत भेजने की पेशकश की है, जो DGCA और AAIB के साथ मिलकर हादसे की वजहों का पता लगाएंगे।

यह हादसा उन सैकड़ों परिवारों के लिए एक त्रासदी है, जिन्होंने अपने प्रियजनों को इस यात्रा पर विदा किया था और अब उन्हें उनकी सलामती की खबर का इंतजार है या फिर दुखद परिणामों का सामना कर रहे हैं। इस दुर्घटना से एक बार फिर यह साफ हो गया है कि एयर ट्रैवल की सुरक्षा को लेकर कोई भी कोताही बेहद भारी पड़ सकती है।

देश इस कठिन समय में पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है। सरकार, एयर इंडिया और सुरक्षा एजेंसियां हर संभव प्रयास कर रही हैं कि घायलों को जल्द इलाज मिले, मृतकों की पहचान हो, और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई सुनिश्चित हो। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, और सटीक जानकारी सामने आएगी, उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए निर्णायक कदम उठाए जाएंगे।

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