आगरा में करणी सेना की ‘स्वाभिमान रैली’ पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम, सपा सांसद रामजी लाल सुमन का बयान

उत्तर प्रदेश के आगरा में शनिवार को करणी सेना की प्रस्तावित ‘स्वाभिमान रैली’ के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। राणा सांगा जयंती पर आयोजित इस जनसभा को लेकर पुलिस प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। एतमादपुर क्षेत्र के गढ़ी रामी गांव में हो रही इस रैली में हजारों लोगों के शामिल होने की संभावना है। रैली के आयोजन को लेकर सोशल मीडिया पर भी निगरानी रखी जा रही है, और अब तक 1300 लोगों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं।

सपा के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन ने इस रैली को लेकर अपना बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि हर किसी को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन करणी सेना द्वारा अपनाया गया तरीका अराजकता का प्रतीक है। उन्होंने यह भी कहा कि यह हमला उनके ऊपर नहीं, बल्कि PDA पर हुआ है। उनके अनुसार, उन्हें और उनके परिवार को जान-माल का खतरा था, इसलिए उन्होंने राज्यसभा के उपसभापति को सुरक्षा के लिए पत्र लिखा था।

सुमन ने यह भी बताया कि पुलिस प्रशासन को लगता था कि उनकी हत्या हो सकती है, और इसी कारण सुरक्षा बढ़ाई गई है। उनका आरोप है कि रैली के दौरान उनके ऊपर जानलेवा हमला हो सकता था, जो उनके अनुसार एक बड़े राजनीतिक दांव का हिस्सा था। इससे पहले 26 मार्च को करणी सेना के सदस्यों ने उनके आवास पर प्रदर्शन किया था और तोड़फोड़ की थी, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे, जिनमें कुछ पुलिसकर्मी भी शामिल थे। इस घटना के बाद 27 मार्च को आगरा के हरिपर्वत थाने में हत्या के प्रयास और अन्य गंभीर धाराओं में दो मुकदमे दर्ज किए गए थे।

सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस विभाग ने पूरी सतर्कता बरतते हुए रैपिड एक्शन फोर्स (RAF), पीएसी और अन्य पुलिस बलों को तैनात किया है। सभा स्थल से लेकर सांसद के घर तक के पूरे रूट को पुलिस ने सुरक्षा घेरे में ले लिया है। सात थाना क्षेत्रों की सड़कें इस रूट से गुजरती हैं, जिन पर सीसीटीवी निगरानी और फिजिकल पेट्रोलिंग की व्यवस्था की गई है। जवानों को अतिरिक्त लाठियां और हेलमेट भी दिए गए हैं, साथ ही सुरक्षा वाहनों पर लोहे की जालियां लगाई गई हैं।आगरा में हो रही इस रैली को लेकर प्रशासन ने पूरी तरह से चौकस व्यवस्था की है, ताकि किसी भी प्रकार की हिंसा से बचा जा सके और कानून व्यवस्था बनी रहे। यह मामला अब राजनीति के गर्म मुद्दे के रूप में सामने आ चुका है, जिससे क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर उथल-पुथल मच गई है।

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