मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद ममता पर हमला, बीजेपी ने लगाया बांग्लादेश बनाने का आरोप

पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून के विरोध में हिंसा भड़कने के बाद पुलिस ने 110 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। हिंसक प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर पथराव किया और सड़कें जाम कर दीं। इस दौरान पुलिस ने सुती और समसेरगंज से क्रमशः 70 और 41 लोगों को गिरफ्तार किया है। हालांकि, हिंसा प्रभावित इलाकों में शनिवार सुबह स्थिति तनावपूर्ण रही, लेकिन कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।
पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल
बीजेपी अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने मुर्शिदाबाद हिंसा पर ममता बनर्जी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी के निर्देश पर पुलिस निष्क्रिय रही और हिंसा पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की। सुकांता मजूमदार ने कहा कि “ममता बनर्जी यहां बांग्लादेश बनाने की कोशिश कर रही हैं, हिंदुओं को डराने का प्रयास हो रहा है।” बीजेपी ने ममता सरकार से केंद्र से मदद मांगने की अपील की है। उनका कहना है कि यदि राज्य सरकार स्थिति संभालने में असमर्थ है, तो उसे केंद्र से सहायता लेनी चाहिए।
इंटरनेट सेवा और निषेधाज्ञा लागू
पुलिस ने मुर्शिदाबाद जिले में हिंसा को काबू करने के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं और निषेधाज्ञा लागू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि सुती और समसेरगंज इलाकों में गश्त जारी है और किसी को भी इकट्ठा होने की अनुमति नहीं दी जा रही है। पुलिस ने लोगों से सोशल मीडिया पर अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
किशोर की गोलीबारी में घायल होने की खबर
हिंसा के दौरान सुती में कथित तौर पर पुलिस की गोलीबारी में एक किशोर घायल हो गया है। उसे कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस का कहना है कि हिंसा प्रभावित इलाकों में मुस्लिम आबादी अधिक है और यही कारण है कि वहां की स्थिति बेहद संवेदनशील हो गई है।
विपक्ष का आरोप: जिहादी ताकतों का हमला
बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि यह हिंसा एक पूर्वनियोजित हमला था, जिसका उद्देश्य जिहादी ताकतों के द्वारा लोकतंत्र और शासन पर हमला करना था। उन्होंने आरोप लगाया कि इस हिंसा का मकसद समाज के दूसरे समुदायों में डर फैलाना था। अधिकारी ने ममता सरकार से हिंसा में शामिल लोगों को गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई करने की मांग की।
राज्य सरकार पर बढ़ रहा दबाव
मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद राज्य सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है। बीजेपी और विपक्षी नेताओं ने ममता सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और प्रशासन को त्वरित कार्रवाई करने की आवश्यकता है, ताकि हिंसा का दौर और न बढ़े।यह मामला पश्चिम बंगाल के राजनीतिक माहौल को गर्म कर सकता है, जहां ममता बनर्जी सरकार और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति लगातार जारी है।