संभल में प्रशासनिक फेरबदल, सीओ अनुज चौधरी को हटाकर आलोक कुमार को नई जिम्मेदारी

संभल जिले में शुक्रवार को पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल किया गया है। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने जिले के सीओ स्तर पर बदलाव करते हुए तीन सर्किलों में नए अधिकारियों की तैनाती की है। इस फेरबदल के तहत चर्चित क्षेत्राधिकारी (सीओ) अनुज चौधरी को चंदौसी सर्किल भेजा गया है, जबकि उनकी जगह एएसपी आलोक कुमार को संभल का नया सीओ नियुक्त किया गया है। इसके अलावा बहजोई सर्किल में तैनात क्षेत्राधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार सिंह को वहां से हटाकर अब उन्हें यातायात सीओ की जिम्मेदारी दी गई है। पहले यातायात सीओ रहे संतोष कुमार सिंह को लाइन भेजा गया है, और यूपी डायल 112 की जिम्मेदारी भी उन्हें सौंपी गई है। चंदौसी सर्किल में कार्यरत क्षेत्राधिकारी आलोक सिद्धू को अब बहजोई सर्किल की कमान दी गई है। यह प्रशासनिक बदलाव संभल जिले में पुलिस व्यवस्था को सुधारने और बेहतर बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
सीओ अनुज चौधरी का तबादला उनकी बेबाक बयानों और हाल ही में उठे विवादों के कारण हुआ है। अनुज चौधरी को अक्सर अपने बयानबाजी के कारण मीडिया में सुर्खियों में देखा गया है। उनके बयान, जो कभी-कभी विवादों का कारण बन जाते थे, अक्सर समाज में उत्तेजना पैदा करते थे। हाल ही में उन्होंने होली और जुमा के अवसर पर पीस कमेटी की बैठक में कहा था, “होली साल में एक बार आती है, जुमा 52 बार आता है। अगर किसी को रंग से परहेज है तो वह घर से बाहर न निकले।” इसके बाद उन्होंने यह भी कहा था, “अगर ईद की सिवइयां खिलानी हैं तो होली की गुजिया भी खानी पड़ेगी।” उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था और इसके बाद उन्होंने कई आलोचनाओं का सामना किया था। उनके इस बयान के कारण कई लोगों ने उन्हें धार्मिक सौहार्द्र का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था।
इसके अलावा, सीओ अनुज चौधरी के खिलाफ शिकायत भी की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वे बिना अधिकारिकता के बयानबाजी कर माहौल को तनावग्रस्त कर रहे हैं। यह भी कहा गया था कि वे पुलिसिंग के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। शिकायतकर्ता, पूर्व आईपीएस अधिकारी और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी से शिकायत की थी। शिकायत में यह आरोप लगाया गया था कि अनुज चौधरी ने पुलिस सेवा नियमावलियों और वर्दी नियमावलियों का उल्लंघन किया है। इसके बाद इस मामले की जांच की गई, और जांच अधिकारी ने सीओ अनुज चौधरी को क्लीन चिट दे दी थी। हालांकि, शिकायतकर्ता अमिताभ ठाकुर ने इस क्लीन चिट को निरस्त करने की मांग की और आरोप लगाया कि जांच अधिकारी ने उनका पक्ष नहीं लिया। इसके बाद डीजीपी ने इस मामले की जांच फिर से करने के निर्देश दिए हैं। जांच में शिकायतकर्ता से तीन दिनों के भीतर साक्ष्य और आरोपों के संबंध में बयान देने को कहा गया है।
हालांकि, यह प्रशासनिक फेरबदल संभल जिले में केवल एक बदलाव का प्रतीक है। अधिकारियों का कहना है कि यह बदलाव जिले में पुलिस व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए किया गया है। नए अधिकारियों की तैनाती से यह उम्मीद की जा रही है कि संभल जिले में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में मदद मिलेगी। आलोक कुमार, जो अब संभल के नए सीओ होंगे, उनके नेतृत्व में पुलिस विभाग में सुधार हो सकता है। इसके अलावा, चंदौसी और बहजोई सर्किल में हुए बदलाव भी क्षेत्रीय पुलिस प्रशासन को सुदृढ़ करने की दिशा में कदम हो सकते हैं।
अब देखना यह है कि नए अधिकारियों के आने से संभल जिले में पुलिस व्यवस्था कितनी सशक्त होती है और क्या सीओ अनुज चौधरी के खिलाफ चल रही जांच का कोई परिणाम निकलता है। इस फेरबदल के बाद प्रशासनिक सुधार की उम्मीद जताई जा रही है, लेकिन साथ ही यह भी देखने वाली बात होगी कि पुराने विवादों से उपजी स्थितियों को नए अधिकारी किस प्रकार संभालते हैं। अब तक संभल जिले में सीओ अनुज चौधरी के खिलाफ शिकायतें सामने आई हैं, लेकिन क्या नई तैनाती से उनका भविष्य निर्धारित होगा, यह समय ही बताएगा।
संभल जिले में हुए इस पुलिस फेरबदल को लेकर राजनीतिक हलकों में भी चर्चा शुरू हो गई है। कुछ लोग इसे एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे विवादों से बचने के लिए उठाया गया कदम मानते हैं। हालांकि, यह प्रशासनिक बदलाव यह संकेत देता है कि संभल पुलिस विभाग में अब से ज्यादा सख्ती और दक्षता के साथ काम करेगा।