नीतीश कुमार के साथ एकनाथ शिंदे जैसा ना कर दे भाजपा? जवाब में क्या बोले JDU कार्यकारी अध्यक्ष

संजय झा ने कहा कि मैं नहीं जानता कि दूसरे राज्यों में क्या हुआ था। हर राज्य की राजनीति और परिस्थिति अलग होती है। इसलिए मैं सप्ष्ट कह रहा हूं कि एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहा है। यह भी स्पष्ट कर दूं कि चुनाव जीतने के बाद वही मुख्यमंत्री होंगे। एनडीए के वह मुख्य स्तंभ हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव को महागठबंधन की ओर से सीएम फेस घोषित कर दिया गया है। वहीं एनडीए की ओर से यह तो लगातार कहा जा रहा है कि वे सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन अमित शाह और नितिन गडकरी जैसे नेताओं ने यह कहने से परहेज किया है कि चुनाव बाद सीएम कौन होगा। अमित शाह ने यह कहकर अटकलें बढ़ा दीं कि भाजपा का संसदीय बोर्ड इस पर फैसला लेगा। तब से ही नीतीश कुमार के भविष्य को लेकर विपक्ष सवाल उठा रहा है। यह सवाल भी किया जा रहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने एकनाथ शिंदे के चेहरे पर चुनाव लड़ने की बात कही थी। फिर जीत गए तो सीएम अपना बना लिया।

यही सवाल जब जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा से किया गया तो उन्होंने आशंकाओं को खारिज कर दिया। इकनॉमिक टाइम्स से बातचीत में संजय झा ने कहा कि मैं नहीं जानता कि दूसरे राज्यों में क्या हुआ था। हर राज्य की राजनीति और परिस्थिति अलग होती है। इसलिए मैं सप्ष्ट कह रहा हूं कि एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहा है। यह भी स्पष्ट कर दूं कि चुनाव जीतने के बाद वही मुख्यमंत्री होंगे। यह समझने की जरूरत है कि एनडीए के वह मुख्य स्तंभ हैं। वहीं तेजस्वी यादव के नाम के ऐलान पर कहा कि यह तो ब्लैकमेलिंग के बाद हुआ है। पहले तो उनका नाम ही नहीं था।

‘तेजस्वी का नाम तो ब्लैकमेलिंग के चलते घोषित हुआ’
संजय झा ने कहा कि कांग्रेस उनका नाम नहीं बढ़ा रही थी तो तेजस्वी यादव ने प्रचार के लिए ही मना कर दिया। इसके बाद तेजस्वी का नाम तय किया गया। यही नहीं उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव के नाम के ऐलान से तो हमें फायदा ही होगा। इससे हम आरजेडी के जंगलराज की जनता को याद दिला सकेंगे। नीतीश के सीएम बनने की बात दोहराते हुए संजय झा ने कहा कि पीएम मोदी समेत भाजपा के सभी टॉप लीडर कह चुके हैं कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जा रहा है। इससे स्पष्ट है कि चुनाव नतीजों के बाद उन्हें ही मुख्यमंत्री बनना है।

JDU के सीनियर पार्टनर ना रहने के सवाल पर क्या जवाब
इसके अलावा जेडीयू के अब सीनियर पार्टनर की भूमिका में ना रहने के सवाल पर संजय झा ने कहा कि हर पार्टी अपनी सीटों में इजाफा चाहती है। सभी को लगता है कि हम ज्यादा सीटों पर उतरें। लेकिन गठबंधन में सभी को अंत में एक सहमति बनानी होती है। सीटों का बंटवारा लोकसभा और विधानसभा के पिछले चुनावों में प्रदर्शन और ताकत के आधार पर होता है। उसी को ध्यान में रखकर एनडीए के सभी दलों को सम्मानजनक सीटें दी गई हैं।

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