देवेंद्र फडणवीस बोले ‘भाजपा अध्यक्ष कौन बनेगा, तय करेगा RSS और पार्टी नेतृत्व
अगस्त में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से सवाल पूछा गया था कि क्या संघ भाजपा अध्यक्ष तय करता है। उन्होंने इस बात से इनकार किया था। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, 'अगर हम तय कर रहे होते, तो इस काम में देर लगती क्या।?'

भारतीय जनता पार्टी के अगले अध्यक्ष का चुनाव बाकी है। फिलहाल, पार्टी ने कोई शेड्यूल जारी नहीं किया है, लेकिन अटकलें लगाई जा रही हैं कि बिहार चुनाव के पहले पार्टी प्रमुख तय हो सकता है। इसी बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी अध्यक्ष पद के उम्मीदवार होने की अटकलों पर जवाब दिया है। साथ ही उन्होंने RSS यानी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की भूमिका पर भी बात की है।इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में जब फडणवीस से महत्वाकांक्षाओं को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘देखिए मैं भारतीय जनता पार्टी में काम करता हूं…। आपको मालूम है कि इस पार्टी में कोई एक तय नहीं करता कि कोई मुंबई में रहे, दिल्ली में रहे, नागपुर में रहे या और कहीं चला जाए। यहां एक व्यक्ति तय नहीं करता, पार्टी तय करती है। मैं ऐसा मानता हूं’
उन्होंने कहा, ‘लेकिन मेरी पार्टी की कार्यपद्धति को मैं जितना जानता हूं उसके आधार पर मैं कह सकता हूं कि ये 5 साल तो मैं महाराष्ट्र में ही हूं। 5 साल बाद पार्टी जो भी निर्णय ले।’ जब पत्रकार ने सवाल किया कि भाजपा अध्यक्ष कब बनेगा, तो इसपर फडणवीस बोले, ‘आप इसे सॉल्व करने की कोशिश मत कीजिए, पार्टी कर लेगी। सही समय पर सही चीजें हो जाएंगी। सारे प्रॉब्लम सॉल्व हो जाएंगे। प्रॉब्लम कोई है नहीं, अध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा।’
RSS प्रमुख मोहन भागवत की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर सवाल किया गया, तो फडणवीस ने कहा, ‘देखिए नाम चलना वगैरह खबरों के लिए होता है। हमने भी इतने नाम सुन लिए और उनमें से कई नाम ऐसे भी थे कि हमें भरोसा नहीं हुआ कि ऐसे भी नाम मीडिया चला सकता है। …मैं ऐसा मानता हूं कि भाजपा में एक पद्धति है और परमपूज्य सरसंघचालक जी ने जो जवाब दिया, उसका अर्थ यह है कि यह निर्णय हम नहीं करते भाजपा करती है। हमारी निर्णय पद्धति अलग है, भाजपा की निर्णय पद्धति अलग है। भाजपा अपनी निर्णय पद्धति के अनुसार इसका निर्णय करेगी। …जो कमेटी यह तय करती है कि अध्यक्ष कौन होगा, उसका मैं सदस्य नहीं हूं।’
दरअसल, अगस्त में भागवत से सवाल पूछा गया था कि क्या संघ भाजपा अध्यक्ष तय करता है। उन्होंने इस बात से इनकार किया था। उन्होंने कहा था, ‘मैं 50 सालों से शाखा चला रहा हूं और अगर कोई मुझे इसके बारे में सलाह दे, तो मैं विशेषज्ञ हूं। जब देश चलाने की बात आती है, तो वह इसे लंबे समय से कर रहे हैं, तो वह जानकार हैं। सुझाव दिए जा सकते हैं, लेकिन उनकी फील्ड का फैसला उनका और हमारी फील्ड का हमारा है।’इसके बाद उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, ‘अगर हम तय कर रहे होते, तो इस काम में देर लगती क्या।?’ खास बात है कि मौजूदा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का कार्यकाल दो साल पहले खत्म हो चुका और वह विस्तार पर हैं।



