ट्रंप का 25% टैरिफ दांव उल्टा पड़ेगा SBI रिसर्च का दावा- अमेरिका को भारत से बड़ा झटका लगेगा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ और रूस से तेल खरीद पर अतिरिक्त जुर्माना लगाने की धमकी देकर नई ट्रेड वॉर की जमीन तैयार कर दी है। लेकिन ताज्जुब की बात ये है कि इस कदम से भारत को कम और अमेरिका को ज्यादा चोट लगने वाली है। शुक्रवार को आई SBI रिसर्च की रिपोर्ट ने साफ कर दिया कि ट्रंप का ये फैसला ‘खराब बिजनेस डिसीजन’ साबित होगा, जिससे अमेरिका को कम GDP, ज्यादा महंगाई और डॉलर की कमजोरी जैसे बड़े जोखिम झेलने पड़ सकते हैं।SBI रिसर्च ने साफ कहा है कि मौजूदा ट्रेड वॉर के आंकड़े बताते हैं कि भारत पर जो असर पड़ेगा, उससे कहीं बड़ा झटका खुद अमेरिका को लगेगा। वजह भी साफ है भारत की इकॉनमी अब घरेलू डिमांड पर ज्यादा टिकी है, जबकि अमेरिका का टैरिफ महंगाई बढ़ाएगा, एक्सचेंज रेट बिगाड़ेगा और आम अमेरिकी परिवार पर सीधा बोझ डालेगा। रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ शॉर्ट-टर्म में ही एक औसत अमेरिकी परिवार पर करीब 2,400 डॉलर का एक्स्ट्रा बोझ पड़ेगा।
अमेरिकी महंगाई 2026 तक काबू में नहीं!
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई कि सप्लाई-साइड में झटके और डॉलर के कमजोर होने से अमेरिका की महंगाई 2026 तक फेडरल रिजर्व के 2% टारगेट से ऊपर ही रहेगी। उधर भारत की GDP ग्रोथ पर भी इसका असर होगा, लेकिन जानकारों का कहना है कि यह असर बेहद सीमित होगा।
एक्सपोर्ट पर चोट, लेकिन बड़ा खतरा नहीं
ट्रंप का टैरिफ भारतीय एक्सपोर्ट पर सीधा वार करेगा। भारत के कुल एक्सपोर्ट में अमेरिका की हिस्सेदारी 20% है। लेकिन SBI रिसर्च का तर्क है कि हीरे, स्मार्टफोन और फार्मा जैसे कई अहम प्रोडक्ट्स पर पहले 0% टैरिफ था, जो अब 25% होगा, फिर भी भारत की कंपनियां तेजी से नए मार्केट्स में एक्सपोर्ट शिफ्ट कर सकती हैं। Fitch Ratings ने भी शुक्रवार को कहा कि भले ही FY26 के लिए ग्रोथ अनुमान 6.3% कर दिया गया है, लेकिन अमेरिकी टैरिफ का असर रेटेड कंपनियों पर सीधा और सीमित रहेगा।Nomura ने अपने FY26 ग्रोथ अनुमान में सिर्फ 0.2% की गिरावट का रिस्क जोड़ा है। Goldman Sachs भी कह रहा है कि GDP ग्रोथ में 0.3% तक का असर होगा, लेकिन भारत की मजबूत घरेलू डिमांड इस झटके को संभाल लेगी। Barclays और Moody’s Analytics जैसी एजेंसियां भी मानती हैं कि भारत की इकोनॉमी को कोई बड़ा झटका नहीं लगेगा।
ट्रेड वॉर में अमेरिका को होगा बड़ा घाटा
SBI रिसर्च ने तर्क दिया कि अगर अमेरिका ने टैरिफ से भारत के सामान को महंगा किया, तो अमेरिका को वैकल्पिक सप्लायर ढूंढने में मुश्किल होगी। ऐसे में अमेरिका में कीमतें और बढ़ेंगी, जिससे महंगाई दबाव में और इजाफा होगा। डॉलर पहले से ही कमजोर पड़ रहा है और इस नए फैसले से अमेरिकी करंसी पर दबाव और बढ़ेगा।
निवेश में भी पड़ सकती है सेंध
ट्रंप के टैरिफ से भारत में निवेश की योजनाओं पर भी थोड़ा असर पड़ सकता है। Goldman Sachs ने चेतावनी दी है कि बढ़ती नीतिगत अनिश्चितता से भारतीय कंपनियां अपने निवेश को कुछ वक्त के लिए टाल सकती हैं। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर जारी बड़ा खर्च, सीमेंट, स्टील और इंजीनियरिंग सेक्टर की मजबूत डिमांड भारत की ग्रोथ को टिकाए रखेगी।
7 अगस्त से लागू होगा नया टैक्स
ट्रंप ने 30 जुलाई को इस 25% टैरिफ का ऐलान किया था। पहले 1 अगस्त से इसे लागू करना था, लेकिन अब इसकी नई तारीख 7 अगस्त तय की गई है। यानी अब कुछ ही दिन बचे हैं जब अमेरिकी बाजार में भारतीय सामान पहले से 25% ज्यादा महंगा बिकेगा।
भारत ने भी तैयार किया प्लान-B
रेटिंग एजेंसियों और सरकारी सूत्रों के मुताबिक भारत की कंपनियां टैरिफ के असर को कम करने के लिए नए मार्केट तलाशने में जुट गई हैं। इससे एक्सपोर्ट में बड़ा झटका नहीं लगेगा। वहीं रूस से तेल इंपोर्ट पर ट्रंप की जुर्माने की धमकी को लेकर भारत पहले ही विकल्पों पर काम कर रहा है। ट्रंप के टैरिफ गेम में शुरुआती झटका भारत को दिखेगा, लेकिन लंबे वक्त में अमेरिका के लिए यह कदम उल्टा पड़ सकता है। घरेलू बाजार पर निर्भर भारत अपनी डिमांड और नई मार्केट स्ट्रैटजी से खुद को संभाल लेगा, जबकि अमेरिका को कमजोर डॉलर, ज्यादा महंगाई और अपनी जनता की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है।