काम हमारा नाम तुम्हारा दिल्ली में स्वास्थ्य केंद्रों को लेकर सियासी जंग तेज़

अजय कुमार,वरिष्ठ पत्रकार
दिल्ली की राजनीति में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है जहां हाल ही में सत्ता में आई भाजपा सरकार ने आयुष्मान आरोग्य मंदिर योजना को अपनी 100 दिनों की सबसे बड़ी उपलब्धि बताकर प्रचारित करना शुरू कर दिया है भाजपा का दावा है कि उसने दिल्ली में 33 आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्थापित कर राजधानी के लोगों को मुफ्त और समर्पित स्वास्थ्य सेवाएं देने की दिशा में बड़ी पहल की है वहीं आम आदमी पार्टी ने भाजपा के इन दावों को सिरे से खारिज करते हुए आरोप लगाया है कि भाजपा ने केजरीवाल सरकार के कार्यकाल में बने मोहल्ला क्लीनिक और डिस्पेंसरियों को नया नाम देकर उन्हें अपनी उपलब्धि के रूप में पेश किया है आप के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने इस मुद्दे पर सीधे भाजपा पर निशाना साधते हुए कई प्रमाण भी पेश किए हैं।
भारद्वाज ने सोशल मीडिया पर चिराग दिल्ली स्थित एक वातानुकूलित डिस्पेंसरी का वीडियो साझा करते हुए बताया कि यह क्लीनिक 2017 में केजरीवाल सरकार द्वारा बनाया गया था जिसका उद्घाटन तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और उन्होंने स्वयं किया था और आज भी वहां उन्हीं दोनों के नाम की शिलापट्टिका लगी हुई है उन्होंने कहा कि भाजपा ने इस डिस्पेंसरी की दीवारों पर पीला पेंट करा कर कुछ चित्र लगा दिए हैं और अब इसे नया आयुष्मान आरोग्य मंदिर बताकर जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने न तो कोई नया निर्माण कराया है और न ही किसी प्रकार की नई सुविधा जोड़ी है यह वही पुरानी इमारत है जिसमें वही डॉक्टर वही फार्मासिस्ट और वही सुविधाएं हैं यहां तक कि एसी भी आम आदमी पार्टी की सरकार ने ही लगवाया था भारद्वाज ने कहा कि यह वही चिराग दिल्ली की डिस्पेंसरी है जिसे अब भाजपा ने केवल पेंट करवा कर नई दिखाने का प्रयास किया है और फिर इसे अपनी सरकार की उपलब्धि बताया है।
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा रोज नए-नए झूठ बोलने का कीर्तिमान स्थापित कर रही है और दिल्ली की जनता को यह भ्रम दे रही है कि 33 नए आयुष्मान आरोग्य मंदिर बन चुके हैं जबकि हकीकत यह है कि वह सभी पहले से ही केजरीवाल सरकार के कार्यकाल में बनाए गए मोहल्ला क्लीनिक हैं जिनका केवल नाम बदल कर और रंग रोगन कर उन्हें नया बताने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा सरकार की 100 दिन की 20 उपलब्धियों में सबसे पहले इन आरोग्य मंदिरों को दिखाया गया है जबकि सच्चाई यह है कि यह केवल नाम और पेंट बदलने का खेल है उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली की जनता को यह बताया गया था कि जब भाजपा सत्ता में आएगी तो केंद्र सरकार से भारी भरकम फंड आएगा जिससे दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव होंगे लेकिन अब जब भाजपा सरकार में आई है तो वह केजरीवाल सरकार के कामों पर ही अपना बोर्ड लगाकर और रंग बदलकर उन्हें अपनी योजना बना कर प्रस्तुत कर रही है।
भारद्वाज ने यह भी कहा कि जिन लोगों को लगता है कि नए आरोग्य मंदिर खुल गए हैं उन्हें इन केंद्रों में जाकर स्वयं देखना चाहिए कि अंदर कुछ भी नया नहीं है वही पुरानी दवाइयां वही जांच और वही स्टाफ सबकुछ वैसा ही है केवल दीवारों पर पीला रंग कर दिया गया है उन्होंने कहा कि भाजपा केवल लीपा पोती की राजनीति में व्यस्त है और उसका मकसद केवल यह दिखाना है कि वह काम कर रही है जबकि जमीनी सच्चाई कुछ और है।
उन्होंने जनता से अपील की कि वे इन दिखावों से भ्रमित न हों और सच्चाई को पहचानें उन्होंने कहा कि यह वही भाजपा है जो पहले कहती थी कि आम आदमी पार्टी केंद्र की योजना आयुष्मान भारत को दिल्ली में लागू नहीं होने दे रही अब जब सरकार में आई है तो वह पहले से बने क्लीनिक को ही आयुष्मान आरोग्य मंदिर बताकर जनता को धोखा देने में जुटी है।
उधर भाजपा का कहना है कि उन्होंने केवल पहले से मौजूद ढांचों का आधुनिकीकरण किया है और उनमें नई सुविधाएं जोड़ी हैं जिसमें डिजिटल स्वास्थ्य कार्ड योग केंद्र और दवा वितरण जैसी चीजें शामिल हैं लेकिन आम आदमी पार्टी का कहना है कि यदि ऐसा कुछ किया गया है तो उसका कोई प्रमाण दिखाया जाए उन्होंने कहा कि भाजपा ने एक भी नया भवन नहीं बनाया न ही किसी नई जगह पर आरोग्य मंदिर खोला है केवल पहले से काम कर रहे केंद्रों पर बोर्ड लगाकर उन्हें नया बताया जा रहा है।
आप नेताओं का यह भी कहना है कि यदि भाजपा को वास्तव में जनता की चिंता होती तो वह नए अस्पताल खोलती नए डॉक्टरों की नियुक्ति करती और स्वास्थ्य सेवाओं में नया निवेश करती लेकिन अब तक केवल प्रचार और पोस्टरबाजी ही दिखाई दे रही है दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में यह मामला इसलिए भी गर्म है क्योंकि स्वास्थ्य सेवा हमेशा से आम आदमी पार्टी की प्रमुख उपलब्धियों में रही है और मोहल्ला क्लीनिक मॉडल को न केवल देशभर में बल्कि विदेशों में भी सराहा गया है।
अब भाजपा यदि उन्हीं क्लीनिकों को अपने नाम से प्रचारित करती है तो यह राजनीतिक श्रेय की लड़ाई बन जाती है जिसमें असली मुद्दा जनता को मिलने वाली सेवा नहीं बल्कि क्रेडिट लेने की होड़ हो जाती है ऐसे में जनता के सामने भी यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि क्या उन्हें वास्तव में नई सुविधा मिल रही है या केवल पुराने केंद्रों पर नया रंग चढ़ाकर उन्हें नया बताकर भ्रमित किया जा रहा है दिल्ली की जनता को अब यह तय करना है कि उन्हें दिखावे की राजनीति चाहिए या वास्तविक काम।
वहीं भाजपा का कहना है कि वह केवल एक राष्ट्रीय योजना के तहत स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त कर रही है और दिल्ली की जरूरतों के अनुसार योजनाओं को नया स्वरूप दे रही है लेकिन आम आदमी पार्टी इसे सिरे से खारिज कर रही है और इसे जनता के साथ धोखा बता रही है अब देखना यह है कि आने वाले समय में इस मुद्दे पर जनता किसे सही मानती है और यह विवाद आगे क्या राजनीतिक रूप लेता है लेकिन फिलहाल यह स्पष्ट है कि दिल्ली की सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ बनाम ‘मोहल्ला क्लीनिक’ की यह लड़ाई पूरे जोर पर है और इसका असर सीधे-सीधे दिल्ली की राजनीति और आने वाले चुनावों पर पड़ सकता है।