रजामंदी से शादी.. प्रेमी के लिए वेवफा बनी सोनम शादी होते ही पति की हत्या की रची साजिश

रिश्तों के भीतर पलती साजिश की कहानी है राजा रघुवंशी हत्याकांड। इंदौर के राजा और सोनम की शादी दोनों परिवारों की रजामंदी से बड़ी धूमधाम से हुई थी। राजा शादी से काफी खुश था, वहीं खुशी का दिखावा कर रही सोनम के दिल और दिमाग में कुछ और ही चल रहा था। पिता की फैक्टरी में काम करने वाले राज कुशवाह के प्यार में पागल सोनम परिवार के खिलाफ नहीं जाना चाहती थी, इसलिए शादी के लिए तैयार तो हुई, पर पति को रास्ते से हटाने की साजिश भी रच ली।साजिश को अंजाम देने के लिए सोनम और राज ने शिलांग को ठिकाना चुना। इसी के तहत सोनम ने राजा को हनीमून के लिए शिलांग जाने के लिए मनाया। दोनों ने राजा की हत्या के लिए भाड़े पर तीन हत्यारे किए। खुद शिलांग न जाकर राज ने तीनों हत्यारों आकाश राजपूत, विशाल चौहान व आनंद कुर्मी को इंदौर से ही सोनम-राजा के पीछे लगा दिया। शिलांग में राजा ने जहां से स्कूटर किराये पर लिया, वहीं से हत्यारों ने भी बाइक किराये पर ली थी। तीनों ने खुद को मप्र का बताकर राजा का विश्वास जीता और साथ में घूमते रहे।तीनों हत्यारों को दंपती के साथ एक गाइड ने भी देखा था। यह सुराग भी पुलिस के लिए इस मामले में अहम साबित हुआ। सोनम के सामने ही हत्यारों ने राजा की सोहरा स्थित बंद पार्किंग यार्ड में धारदार हथियार से हत्या की। इसके बाद राजा के शव को खाई में फेंक दिया। शव ठिकाने लगाने के बाद तीनों हत्यारे अलग हो गए।
पिता की कंपनी में काम करती थी सोनम…राज भी वहीं मिला
सोनम के पिता देवी सिंह रघुवंशी और भाई गोविंद की छोटी सी प्लाईवुड की फैक्टरी है। सोनम से पांच साल छोटा राज फैक्टरी में अकाउंटेट का काम करता था। सोनम यहां एचआर का काम करती थी। इससे दोनों में मुलाकात होती रही और नजदीकियां बढ़ गईं। पुलिस ने सोनम और राजा की कॉल डिटेल खंगाली, तो पता चला कि सोनम शादी से पहले और बाद में राज से घंटों तक बात किया करती थी।
नेपाल भागने की फिराक में थी
दावा किया जा रहा है कि सोनम हफ्तेभर से सिर्फ रात में सफर कर रही थी। वह वाराणसी से गोरखपुर जाने वाली बस में सवार थी। वहां से वह नेपाल भागने की फिराक में थी।
नौ लाख रुपये और गहने ले जाने से गहराया शक
सोनम नौ लाख रुपये नकद और शादी में मिले गहने लेकर शिलांग गई थी। इन पैसों की मदद से वह इतने दिन तक बचती फिर रही थी। सोनम हत्या के बाद नेपाल भागने की फिराक में थी। दो अन्य युवकों ने इतने दिनों तक उसकी छिपने और यात्राएं करने में मदद की। इतनी बड़ी मात्रा में नकदी और गहने ले जाने से भी पुलिस को सोनम पर शक बढ़ा था।
हत्यारे पकड़े गए तो कर दिया आत्मसमर्पण
शिलांग में राजा बैग लेकर निकला था, लेकिन सोनम नहीं चाहती थी कि बैग भी साथ में रहे। इसलिए उसने एक होमस्टे देखा और राजा को वहां कमरा लेने के लिए राजी किया। वहां के सीसीटीवी फुटेज में सोनम बार-बार फोन चेक करती नजर आई। जब राजा बैग रखने अंदर गया, तो सोनम ने दस, पंद्रह कदम दूर जाकर फोन पर किसी से बात की और राजा के बाहर आते ही उसके पास आ गई थी। सीसीटीवी फुटेज में सोनम तनाव में नजर आ रही थी। सोनम लगातार हत्यारों के संपर्क में थी। इस बीच, तीनों हत्यारों के पकड़े जाने की खबर मीडिया में सुर्खियां बनीं तो सोनम ने गाजीपुर में आत्मसमर्पण कर दिया। शिलांग के पूर्वी खासी हिल्स के एसपी विवेक सिम ने दावा किया कि जल्द ही पूरे षड्यंत्र का पर्दाफाश होगा।
ये घटनाक्रम भी बने सुराग
23 मई को सोनम ने सास से बात की। दोपहर बाद दोनों के फोन अचानक बंद हो गए। इससे सवाल खड़े हुए। पुलिस ने इसे जांच में लिया। n हत्या के बाद हथियार भी राजा के शव के पास मिला। यदि हत्यारों को सोनम को भी मारना होता, तो उसी का इस्तेमाल करते। इससे पुलिस समझ गई कि सोनम की हत्या नहीं हुई है। वह लापता है।सोनम ने पूरी साजिश रची थी। उसी ने गुवाहटी के लिए प्लेन के टिकट बुक कराए थे। पर, वापसी के टिकट नहीं बुक कराए थे। यह तथ्य भी सवाल खड़े कर रहे थे।