मऊ सदर विधायक अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में दो साल की सजा

मऊ: मऊ के माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ सदर विधानसभा सीट से विधायक अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में दो साल की सजा सुनाई गई है। जिला एवं सत्र न्यायालय के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ. के पी सिंह ने यह फैसला सुनाया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद अब्बास अंसारी की विधायक पद से बर्खास्तगी तय मानी जा रही है। यह मामला 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान मऊ के पहाड़पुरा इलाके में आयोजित एक जनसभा में अब्बास अंसारी के विवादित बयान से जुड़ा है। आरोप है कि इस जनसभा में उन्होंने अधिकारियों को सत्ता में आने के बाद हिसाब-किताब करने की धमकी दी थी, जिसे हेट स्पीच माना गया।
इस बयान के बाद मऊ कोतवाली में सब इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद ने एफआईआर दर्ज कराई थी। लगभग तीन साल तक चली कानूनी प्रक्रिया के बाद आज इस मामले में फैसला सुनाया गया। अब्बास अंसारी और उनके भाई उमर अंसारी दोनों ही इस मामले में कोर्ट में पेश हुए थे।गौरतलब है कि अब्बास अंसारी नवंबर 2022 से जेल में थे, जहां उन पर मनी लॉन्ड्रिंग और गैंगस्टर एक्ट के तहत कई आरोप थे। उन्हें कुछ महीने पहले सुप्रीम कोर्ट से गैंगस्टर एक्ट में अंतरिम जमानत मिली थी, जिसके बाद वे जेल से बाहर आए थे। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन पर अवैध वित्तीय लेन-देन और आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगाए थे।
कोर्ट ने आज फैसला सुनाने से पहले दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और साक्ष्यों की समीक्षा की। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे ताकि कोर्ट परिसर में किसी भी तरह की अप्रिय घटना न हो।इस फैसले का मऊ की राजनीति पर बड़ा असर पड़ेगा। अब्बास अंसारी की विधायक पद से बर्खास्तगी के बाद मऊ सदर विधानसभा सीट खाली हो जाएगी और आगामी चुनाव में इस सीट के लिए नई राजनीतिक लड़ाई छिड़ने की संभावना है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस फैसले से मऊ की राजनीतिक स्थिति में बदलाव आएगा और नए चेहरे सामने आ सकते हैं।
यह मामला कानून की बराबरी का उदाहरण भी है, जहां राजनीतिक पद और हैसियत के बावजूद कानून ने अपनी सजा दी है। चुनाव के दौरान दिए गए विवादित बयानों को लेकर भी अब सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिससे लोकतंत्र और कानून की मजबूती होगी।मऊ के लोग और राजनीतिक दल इस फैसले पर अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ इसे न्याय की जीत बता रहे हैं, जबकि कुछ समर्थक इसे अन्याय करार दे रहे हैं। फिलहाल, अदालत का फैसला स्पष्ट है और अब्बास अंसारी के लिए यह बड़ी चुनौती साबित होगी।इसके अलावा अब्बास अंसारी के खिलाफ अन्य मामले भी लंबित हैं, जो उनकी राजनीतिक यात्रा पर और प्रभाव डाल सकते हैं। मऊ की राजनीति में इस फैसले के बाद अस्थिरता की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि विरोधी दल इस मौके का पूरा फायदा उठाने की कोशिश करेंगे।