उत्तर प्रदेश में एक महीने तक चली विशेष चेकिंग अभियान में 48,000 वाहनों पर कार्रवाई

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक पूरे राज्य के 75 जिलों में विशेष चेकिंग अभियान चलाया गया। इस अभियान का उद्देश्य अनधिकृत ई-रिक्शा, ऑटो और अन्य वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना था। परिवहन विभाग, जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीमों ने पूरे राज्य में सड़कों पर उतरकर सघन जांच की और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की। इस अभियान के दौरान कुल 48,000 से अधिक वाहनों पर कार्रवाई की गई। इसमें 3,784 अपंजीकृत ई-रिक्शा के चालान, 11,425 वाहनों की सीजिंग और 32,989 वाहनों के चालान शामिल थे। एक महीने के इस अभियान में कुल 36,773 चालान किए गए। इस अभियान का सबसे बड़ा उद्देश्य नाबालिगों द्वारा ई-रिक्शा चलाने पर रोक लगाना था, जिसके लिए अधिकारियों ने सख्ती से चेकिंग की। कई स्थानों पर नाबालिग वाहन चलाते हुए पाए गए, जिनसे तुरंत कार्रवाई की गई और उनके वाहनों को जब्त कर लिया गया। इस कदम से सड़कों पर यातायात व्यवस्था में सुधार हुआ और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई।

अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन) संजय सिंह ने बताया कि इस अभियान के तहत सबसे अधिक चालान आगरा, लखनऊ और कानपुर में किए गए थे। इन शहरों में सबसे ज्यादा अनधिकृत वाहनों की पहचान हुई और कार्रवाई की गई। इसके अलावा, अन्य प्रमुख शहरों में भी अभियान का प्रभाव साफ तौर पर देखा गया। अभियान के बाद अधिकारियों ने यह भी कहा कि पूरे प्रदेश में मॉनीटरिंग जारी रहेगी और कहीं भी नियमों का उल्लंघन होने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभियान शुरू करने से पहले स्पष्ट निर्देश दिए थे कि राज्य में यातायात को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए हर जिले में सख्त कार्रवाई हो। उन्होंने कहा था कि अभियान के बाद भी नियमों का उल्लंघन होने पर कार्रवाई में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी। अधिकारियों ने यह भी सुनिश्चित किया कि अभियान के बाद सड़क सुरक्षा और यातायात व्यवस्था में सुधार हो, ताकि जनता को कोई असुविधा न हो।

अभियान के दौरान आम जनमानस का प्रशासन के प्रति सहयोग भी बहुत महत्वपूर्ण रहा। लोगों ने अवैध और अनधिकृत वाहनों के हटने के बाद राहत की सांस ली। कई स्थानों पर यातायात की स्थिति में स्पष्ट सुधार देखा गया, जिससे यह साबित हुआ कि इस प्रकार के अभियान से सड़कों पर अनुशासन और व्यवस्थित यातायात की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। हालांकि, अभियान समाप्त होने के बाद कुछ शहरों में अनधिकृत ई-रिक्शा और ऑटो फिर से सड़कों पर नजर आए, जिससे यातायात व्यवस्था में थोड़ी असुविधा हुई। अधिकारियों ने इसे चिंता का विषय बताते हुए कहा कि यदि यह अभियान निरंतर जारी रहे, तो ही प्रदेश में यातायात सुरक्षा को लेकर स्थायी बदलाव आएगा।

इस अभियान के माध्यम से यह भी स्पष्ट हुआ कि उत्तर प्रदेश सरकार यातायात सुरक्षा और नियमों के पालन को लेकर गंभीर है। प्रदेश में इस तरह के अभियानों की निरंतरता से सड़क सुरक्षा में महत्वपूर्ण सुधार हो सकता है। न केवल यातायात व्यवस्था बेहतर होगी, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी, जो कि प्रदेश की जनता के लिए एक बड़ा लाभ होगा। आने वाले समय में ऐसे अभियानों को और भी सख्त और प्रभावी बनाने की आवश्यकता है ताकि सड़क पर हर व्यक्ति सुरक्षित रह सके और यातायात के नियमों का पालन हो।

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